Sidhi Bus Accident: बस हादसे की कहानी, प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी -आंखों के सामने बस डूबती गई, मैं कुछ नहीं कर सका

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Sidhi Bus Accident: सीधी। ‘मैं बहू पिंकी और पोते अथर्व को लेकर नागौद जा रहा था। बस में यात्रियों की संख्या बहुत ज्यादा थी। करीब 25 लोग खड़े होकर सफर कर रहे थे। चालक काफी तेज रफ्तार में बस चला रहा था। कई छोटे स्टेशनों में यात्रियों को भी उतारा गया था। बस में कई ऐसे छात्र-छात्राएं बैठे हुए थे, जो परीक्षा देने जा रहे थे। पिछले चार दिन से छुहिया घाटी का रास्ता बंद था। इस कारण बस जिगना रामनगर होकर जा रही थी।

इसी रास्ते पर बस सामने से आ रहे ट्रक को साइड देने के दौरान फिसल गई और नहर के पानी में समा गई। मैं किसी तरह खिड़की से बाहर निकलकर पानी में पहुंच गया। उस समय पोता और बहू दोनों ही बस के अंदर फंसे हुए थे। घटना के तुरंत बाद ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। लेकिन जब तक वे कुछ कर पाते, बस पूरी तरह नहर में समा गई। देखते ही देखते आंखों के सामने बस डूबती गई और मैं कुछ नहीं कर सका। एक साथ दर्जनों जिंदगियां नहर में समा गईं।

ऐसा मंजर मैंने कभी नहीं देखा था। थोड़ा-बहुत तैरना आता था, सो बेसुध सा हाथ-पैर मारता रहा। समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं? तभी ग्रामीणों ने पकड़कर मुझे नहर से बाहर निकाल लिया। खुद के बचने के बाद काफी देर तक यही उम्मीद लगी रही कि बहू और पोता दोनों ही जीवित होंगे।

ग्रामीणों ने पिंकी को जीवित अवस्था में किसी तरह नहर से निकाल भी लिया लेकिन अथर्व को नहीं बचा पाए। उसने वहीं दम तोड़ दिया था। पिंकी की भी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। हम सबको उसके बचने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।’

(जैसा हादसे में मृत पिंकी गुप्ता के ससुर सुरेश गुप्ता (62) ने बताया)

मेरे तो पूरे घर की खुशियां बिखर गई : रामवती

सुरेश गुप्ता की पत्नी रामवती की आंखों से भी आंसू नहीं थम नहीं रहे हैं। समझाने के बाद वे बार-बार फफक-फफककर रो पड़ती हैं। वे रोते-रोते कहती हैं, पोते अथर्व और बहू पिंकी की मौत ने घर सूना कर दिया। घर की खुशियां पूरी तरह से बिखर गई हैं। नाती का चेहरा आंखों से ओझल नहीं हो रहा है।

पिंकी के उपचार के दौरान पूरा परिवार उम्मीद लगाए बैठा था। बेटा अनिल भी अस्पताल पहुंच गया था। रामवती ने बताया कि बहू पिंकी, पोता अथर्व और मेरे पति सुरेश गुप्ता मंगलवार को सुबह सात बजे रामपुर नैकिन से नागौद जाने के लिए बस में बैठे। बहू मायके में दादी के दशगात्र में शामिल होने के लिए मायके जा रही थे। करीब आधा घंटे बाद पता चला कि बस दुर्घटना का शिकार हो गई है।

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