जिले के इस क्षेत्र में शुरू होगी नाइट सफारी,रात में होंगे टाइगर के दर्शन !

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बालाघाट(पद्मेश न्यूज)। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा प्रदेश के ऐसे वन क्षेत्र जो बाघो की शरणस्थली सेंचुरी के नाम से विकसित हो चुके हैं,  जहां बाघों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे स्थानों पर नाइट सफारी शुरू करने की नई योजना बनाई गई है।  जिसके तहत बालाघाट जिले के लालबर्रा रेंज के अंतर्गत आने वाले सोनावानी के जंगलों में नाइट सफारी शुरु करवाए जाने के आदेश जारी कर दिए गए।
सफारी पर लगी मोहर
वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण वन मंडल सामान्य बालाघाट के अंतर्गत आने वाले सोनावानी नाइट सफारी के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मध्यप्रदेश शासन भोपाल की और से नाइट सफारी के लिए मांगे के प्रस्ताव पर जिले के भीतर सोनावानी के जंगलों में नाइट सफारी का प्रपोजल बालाघाट से भेजा गया था जिस पर हरी झंडी की मोहर लग गई है।
सघन वन-बाघ का मोमेंट
आपको बता दें कि सघन वन क्षेत्र में स्थित सोनावानी, चिखलाबड्डी नवेगांव, सिलझरी,  पैदीटोला में वन्य प्राणियों की अच्छी खासी संख्या है। जिसमें बीते कुछ वर्षों के दौरान बाघों की संख्या काफी अच्छी होने इस क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्र में बाघों की लगातार मूवमेंट की सूचनाएं मिलते रही है।
7 से 11 बजे तक होगी सफारी
इन सब बातों को ध्यान रखते हुए वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र में नाइट सफारी पर सहमति बनी है इस दौरान जारी किए गए आदेश में 13 नियम रखे गए हैं।  जिसमें मुख्य नियमों में शाम 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक नाइट सफारी का समय प्रस्तावित किया गया है।
दो गेट-दो रूट पर होगी सफारी
नाइट सफारी के लिए दो रूट बनाए गए हैं इसके लिए बकायदा दो गेट भी बनाए गए हैं। गेट नंबर 1 नवेगांव,  चिखलाबड्डी,  सोनावानी,  सिलेझरी एवं वापस नवेगांव। गेट नंबर 2 पैदीटोला, सिलेझरी, नवेगांव, चिखलाबड्डी,  सोनावानी,  सिलेझरी और वापसी पैदीटोला होगी।
नियम को करना होगा पालन
इस दौरान अन्य टाइगर रिजर्व की तरह इस सेंचुरी में भी आने वाले पर्यटकों के लिए नियमों की उसी तरह प्रतिबद्धता रहेगी और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।
बालाघाट- लालबर्रा को लाभ
निश्चित ही सोनावानी, चिखलाबड्डी वन क्षेत्र में नाइट सफारी शुरू की जाने से जिले सहित लालबर्रा क्षेत्र में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।  शासन को राजस्व का लाभ होगा।  इसके साथ ही लालबर्रा क्षेत्र में रात्रि के दौरान होने वाली जंगलों की अवैध कटाई पर भी अंकुश लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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