UNSC: पाकिस्तान को भारत ने लगाई लताड़, बहाना बनाना बंद कर आतंक के खिलाफ कार्रवाई करे

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नई दिल्ली। जम्मू कश्‍मीर में आतंकी हमले को लेकर भारत ने परोक्ष तौर  पर पाकिस्तान पर निशाना साधा। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी हुक्मरानों को जमकर खरी खोटी सुनाई।  जमकर सुनाया। भारत ने साफ किया कि कुछ देश  आतंकियों को अंतरराष्‍ट्रीय निगरानी से बचाने के लिए उनकी मदद कर रहे हैं ताकि छद्म युद्ध में उनकी मदद ली जा सके। भारत ने अप्रत्‍यक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि आतंकियों के हमले के जवाब में आत्‍मरक्षा का अधिकार लागू होता है।

पाकिस्तान को खरी खरी
भारत के उप स्‍थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने कहा कि आतंकियों की मदद करने वाले राष्‍ट्र उन्‍हें प्रशिक्षण, वित्‍तीय मदद, खुफिया जानकारी, हथियार और भर्ती करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि दशकों से भारत क्रास बार्डर टेररिज्म का सामना कर रहा है जिसे पड़ोसी मुल्क बढ़ावा दे रहा है।  

मुंबई हमला, पठानकोट और पुलवामा का जिक्र
1993 का  मुंबई हमला हो या 26/11 या पुलवामा या पठानकोट दुनिया गवाह है कि भारत किस तरह से राज्य प्रायोजित गतिविधियों का शिकार रहा है। पड़ोसी मुल्क नान स्‍टेट ऐक्‍टर्स की दुहाई देता है लेकिन सच तो यह है कि नापाक इरादे वालों को वो खुद समर्थन देता है।ऐसी सूरत में  भारत के पास नॉन स्‍टेट ऐक्‍टर्स के हमले के जवाब देने का सर्वाधिकार सुरक्षित है। आत्‍मरक्षा के अधिकार के लिए हमले का स्रोत फिर चाहे राज्य का हो या ना हो उसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है। 

भारत को आत्मरक्षा का अधिकार
उन्होंने कहा कि आतंकी गुट अक्‍सर देशों पर दूर से हमला करते हैं और इस दौरान आतंकी दूसरे देश की संप्रभुता की आड़ लेते हैं। ऐसे हालात में ज्यादातर मुल्क मानते हैं कि इन आतंकी गुटों के खिलाफ आत्‍मरक्षा का अधिकार लागू होता है। इस तरह की सूरत में किसी भी राज्य को उस राज्य में कार्रवाई करनी ही पड़ती है जहां नॉन स्टेट एक्टर्स फलते फूलते हैं।  भारत ने पाकिस्‍तान के अंदर घुसकर आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्‍ट्राइक और बालाकोट हमले को इसी आत्‍मरक्षा के अधिकार के तहत अंजाम दिया था।

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