चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस के तीन दिवसीय दौरे पर थे। यह यात्रा 20 मार्च को शुरू हुई थी। शी जिनपिंग की अगवानी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की। शी जिनपिंग की यात्रा को लेकर वर्ल्ड पॉलिटिक्स में कई तर्क दिए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस यात्रा से ड्रैगन ने पश्चिमी देशों को संदेश दिया है कि वे विश्व पटल पर यूक्रेन के पीछे खड़ा है। इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि शी जिनपिंग और पुतिन के बीच मुलाकात के क्या मायने है। इस यात्रा से चीन क्या हासिल करना चाहता है। आइए जानते हैं-
चीन-रूस मैत्री
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के करीब एक साल बाद शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन मास्को में मिले। रूस और चीन औपचारिक तौर पर दोस्त नहीं है। यानी हथियारों और आपूर्ति के मामले में एक-दूसरे के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। हालांकि दोनों देशों के बीच पिछले कुछ सालों में निकटता आई है। एक तरफ यूक्रेन पर हमले के बाद कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। दूसरी तरफ चीन और रूस के बीच ये नजदीकियां बढ़ी हैं।