अग्निशामक यंत्र है, रेत भी है पानी भी आग बुझाने के अन्य साजो सामान भी है लेकिन ट्रेनिंग के बावजूद भी डर से नहीं जीत पाए कर्मचारी

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कहते हैं कि डर के आगे जीत है। लेकिन जब डर हावी हो जाए तो छोटे से हादसे पर भी जीत नहीं मिल पाती है।ऐसा ही नहीं कुछ शुक्रवार की रात्रि नगर के बस स्टैंड स्थित पेट्रोल पंप में देखने को मिला जहां आग बुझाने के लिए अग्निशामक यंत्र भी है ,रेत भी है और पानी भी, इसके अलावा आगजनी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अन्य तरह के साजो सामान भी है।बावजूद इसके भी वहां के कर्मचारी आगजनी की घटना पर जीत हासिल नहीं कर सके और डर के मारे भाग गए। घटना को लेकर जब पेट्रोल पंप का निरीक्षण किया तो नगर के सभी पेट्रोल पंप पर आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अग्निशामक यंत्र सहित अन्य सामान देखने को मिले। जो बस स्टैंड के पेट्रोल पंप पर भी थे।लेकिन वहां आगजनी की घटना होने पर कर्मचारी इसका उपयोग नही कर सकेम बताया जा रहा है कि जब पेट्रोल पंप में आगजनी की घटना घटी तो कर्मचारियों से अग्निशामक यंत्र नहीं खुल सका और वे डर कर भाग गए ।कुल मिलाकर कहा जाए तो डर की वजह से कर्मचारियों को आगजनी की घटना में जीत नहीं मिल सकी।

तो ऐसी ट्रेनिंग का क्या फायदा
आपको बताएं कि नगर के विभिन्न पेट्रोल पंप में की गई सुरक्षा की जांच के दौरान यह बात सामने आई कि उन्हें आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग मिली है। वहीं कर्मचारियों ने अग्निशामक यंत्र खोलकर भी दिखाया ।लेकिन सवाल यह उठता है कि जब कर्मचारी पूरी तरह से ट्रेन है तो आगजनी की घटना को देखकर कर्मचारी भागे क्यों और जब कर्मचारियों को पर डर इतना हावी है तो फिर उन्हें किस बात की ट्रेनिग दी गई है वही जो ट्रेनिंग समय पर काम ना आ सके ऐसी ट्रेनिंग का क्या फायदा ।क्योंकि यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया होता तो नगर में एक बड़ा हादसा हो सकता था

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