स्कूलों में बच्चों को बंटा कच्चा अनाज को लेकर ढेरों शिकायत मिल रही है। इसके वितरण में हुई लापरवाही और अनियमितताओं को देखते हुए अब इसकी जांच कराई जा रही है। जिलों से इस बात की ढेरों शिकायतें आई हैं कि स्कूलों में बच्चों को खराब गुणवत्ता का राशन दिया गया है। तो वहीं निर्धारित राशन का भी वितरण नहीं किया गया। अब इस मामले में बांटे गए अनाज की जांच कराई जा रही है। सभी जिलों में बच्चों को बांटे गए राशन की सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है। स्कूल बंद होने के कारण शासन ने बच्चों के घरों तक सीधे कच्चा अनाज पहुंचाने का निर्णय लिया था। खड़े अनाज के रूप में स्कूलों में दाल, तेल भी शामिल किया गया था। जिले में करीब 1.39 लाख बच्चों को अनाज का वितरण किया गया है। उप सचिव स्कूल शिक्षा के द्वारा कराई जा रही जांच से जिलों में हड़कंप की स्थिति है।
राशन के साथ तेल भी वितरण : प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में सौ ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से अनाज का विरतण किया जाना था। साथ ही हर माह सोया तेल उपलब्ध कराए गए थे। इनका वितरण स्कूलों के माध्यम से बच्चों को करना था। इसके लिए स्वसहायता समूहों को राशि उपलब्ध कराई गई थी।