डिफेंडिंग चैंपियन अंमित पंघल, शिव थापा एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गए हैं। जबकि 69 किलो में ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके विकास कृष्णन की आंख में चोट लग गई। इस वजह से उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतुष्ट होना पड़ा।
कजाखिस्तान के शाकेन बिबोसिनोव को हराया
टोक्यो ओलिंपिक के लिए कोटा हासिल कर चुके पंघल ने सेमीफाइनल में 52 किलो वेट में कजाखिस्तान के फोई शाकेन बिबोसिनोव को 5-0 से हराया। पंघल पहले भी वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में बिबोसिनोव को हरा चुके हैं। इस चैंपियनशिप में बिबोसिनोव ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जबकि पंघल ने सिल्वर मेडल जीते। पंघल शुरू से ही बिबोसिनोव पर आक्रमण करते रहे और उन्होंने कोई मौका नहीं दिया।
सोमवार को वर्ल्ड चैंपियन जोइरोव से भिड़ेंगे
पंघल को सोमवार को फाइनल में उज्बेकिस्तान के ओलिंपिक मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियन शाखोबिदीन जोइरोव से भिड़ेंगे। पंघल 2019 वर्ल्डचैंपियनशिप के फाइनल में भी जोइरोव से भिड़ चुके हैं। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
थापा ने डिफेंडिंग चैंपियन को हरा कर फाइनल में एंट्री की
थापा ने 64 किलो वेट में पिछले साल के चैंपियन कजाखिस्तान के बखोदुर उसमोनोव को सेमीफाइनल में 4-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में उनका मुकाबला मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग से होगा। चिनजोरिग एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।
थापा का टूर्नामेंट में पांचवां मेडल होगा
शिव थापा का इस टूर्नामेंट में पांचवां मेडल होगा। इससे पहले वह चार बार मेडल जीत चुके हैं। पहली बार उन्होंने 2013 में गोल्ड मेडल जीता था। यह उनका उसके बाद 2015 में ब्रॉन्ज, 2017 में सिल्वर और 2019 में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे।
विकास कृष्णन को आंख में लगी चोट
विकास कृष्णन को सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के पिछले साल के विजेता बुटरोव बोबो- उस्मोन के साथ भिड़ंत के दौरान आंख में चोट लग गई। जिसकी वजह से पहला राउंड पूरा होने से पहले ही उन्हें टूर्नामेंट से हटना पड़ा।
पहली बार इस टूर्नामेंट उतरे वीरेंद्र सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता
पहली बार इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए उतरे 60 किलो वेट के नेशनल चैंपियन वीरेंद्र सिंह को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें ईरान के दनियाल शाहबख्श ने 3-2 से हराया।
चार महिला बॉक्सर में फाइनल में जगह बना चुकी हैं
पंघल और थापा से पहले गुरुवार को चार महिला बॉक्सर भी सेमीफाइनल में जीतकर फाइनल में प्रवेश कर चुकी हैं। 51 किलो वेट में 6 बार की ओलिंपिक चैंपियन मैरीकॉम, 75 किलो वेट में पूजा रानी, 81 किलो से ऊपर वेट कैटगिरी में अनुपमा और 64 किलो वेट में लालबुत्साईही अपने- अपने मुकाबले जीतकर फाइनल में प्रवेश कर चुकी हैं।