अमेरिका की मदद से बांग्‍लादेश में गिराई गई शेख हसीना सरकार? USAID ने भेजे 182 करोड़, भारत को मिले ही नहीं, खुलासा

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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत को दी जाने वाली 21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ भारतीय रुपए) की सहायता राशि रोकने का ऐलान किया था। अमेरिका की ओर से कहा गया कि भारत को ये राशि कथित तौर पर वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दी जा रही है। भारतीय राजनीति में हलचल मचाने वाले इस दावे को इंडियन एक्सप्रेस ने झूठा करार दिया है। एक्सप्रेस ने पाया है कि USAID की ओर से मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए मंजूर किया गया 21 मिलियन डॉलर का फंड भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए था। यानी वह राशि भारत के लिए थी ही नहीं, जिसे ट्रंप प्रशासन के DOGE ने रद्द किया।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, साल 2022 में 21 मिलियन डॉलर की राशि बांग्लादेश के लिए अलॉट की गई थी। अमेरिका से मिली राशि में से 13.4 मिलियन डॉलर बांग्लादेशी छात्रों के बीच राजनीतिक और नागरिक जुड़ाव और 2024 के आम चुनावों से पहले की परियोजनाओं के लिए खर्च किए जा चुके हैं। यह शेख हसीना के बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल होने से ठीक पहले हो रहा था।

बांग्लादेश के लिए था प्रोजेक्ट

मस्क के नेतृत्व वाले DOGE के अनुसार, USAID अनुदान वाशिंगटन डीसी स्थित कंसोर्टियम फॉर इलेक्शन्स एंड पॉलिटिकल प्रोसेस स्ट्रेंथनिंग (CEPPS) के माध्यम से भेजे गए थे। दस्तावेजों से पता चला है कि जुलाई 2022 में USIAD के बांग्लादेश में चलाए गए आमार वोट आमार (मेरा वोट मेरा है) कैंपेन के लिए पैसे अलॉट किए गए थे। बांग्लादेश में 2024 की शुरुआत में आम चुनाव हुए थे।

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