आदमखोर भेड़िया 20 किलोमीटर दूर से कैसे सूंघ लेता है शिकार, अल्फा वुल्फ एक वार में उखाड़ लेता है 9 किलो मांस

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उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार रात को भेड़िए ने 5 साल की बच्ची पर हमला कर उसे घायल कर दिया। लोगों का शोर सुनकर भेड़िया बच्ची को छोड़कर भाग गया। बच्ची की जान तो बच गई, मगर उसे बुरी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दहशत के माहौल में रहने को मजबूर बहराइच में भेड़ियों ने अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोगों को मार डाला। आदमखोर बन चुके इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की तकरीबन 25 टीमें लगी हुई हैं। स्टोरी में एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि भेड़िए कौन होते हैं। इनका नेचर क्या होता है और कब ये आदमखोर बन जाते हैं।

शिकार के लिए हर रोज 20-25 किमी तक चलते हैं भेड़िए

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के अनुसार, भेड़िए शिकार के मामले में बेहद खूंखार होते हैं और अजीब भी। वो अपनी भूख मिटाने के लिए एक-एक दिन में 20 से 25 किलोमीटर तक चल लेते हैं। भेड़िए 20 किलोमीटर दूर से ही अपने शिकार की गंध पहचान लेते हैं।

जबड़े इतने खतरनाक कि एक बार 9 किलो मांस चबा लें

Natural Habitat Adventures के अनुसार, भेड़िए के जबड़े इतने खतरनाक होते हैं कि ये एक बार में शिकार पर हमला करके उसका 9 किलो मांस चबा सकते हैं। उनके कैनाइन दांत इतने खतरनाक होते हैं कि वो शिकार के मांस को फाड़ते हुए उसकी हड्डियां का चूरा बना डालते हैं और उसके बोन मैरो को पल भर में चट कर डालते हैं।

भेड़िया इतना खतरनाक कि उसे पाला नहीं जा सकता

दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और वन्य जीव पर्यावरण पर काम करने वाली डॉ. सना रहमान के अनुसार, भेड़िया वैसे तो कुत्ते की दिखने वाला जानवर है, मगर साइंटिफिक रूप से यह कैनिडाई परिवार का सदस्य है। एक जमाने में भेड़िए पूरे यूरेशिया, उत्तरी अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे। इंसान की आबादी में बढ़ोतरी की वजह से इनका क्षेत्र सिमटता चला गया। कहा जाता है कि जिन भेड़ियों को पालतू बना लिया गया, उन्हीं से कुत्तों की नस्ल का विकास हुआ। आमतौर पर भेड़िए का शिकारी स्वभाव ऐसा होता है कि उसे पाला नहीं जा सकता है। फिलहाल इनकी 30 उप प्रजातियां हैं।

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