आदिवासी बिंझवार समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस

0

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 दिसंबर दिन शनिवार को नगर के वार्ड नंबर 33 गायखुरी वैनगंगा शिव मंदिर के समीप शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जहां म.प्र आदिवासी बिंझवार समाज द्वारा मनाए गए इस शहादत दिवस के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। जो देर शाम तक चलते रहे। जहा कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद वीर नारायण सिंह के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। जिसके बाद गीत संगीत, वीरगाथा का वाचन सहित उद्बोधन कार्यक्रम संपन्न कराए गए। जहां उद्बोधन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों ने बताया कि वीर नारायण सिंह स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुये थे और उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने समाज के लोगों को वीर नारायण सिंह के विचारों पर चलने प्रेरित किया।इस अवसर पर अतिथि के रूप में नपा अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीत सिंह ठाकुर, भाजपा युवा नेत्री मौसम हरिनखेड़े,आदिवासी बिंझवार समाज के पूर्व अध्यक्ष सुखराम सहारे, अध्यक्ष संतलाल सहारे, मुन्ना गौतम, अशोक घोटीवार, हुकुमचंद सहारे, धनलाल सहारे, गायक गौतम, परसराम सहारे, गिरीश, दिनेश ठाकरे, कमलेश हट्टेवार, राजकुमार सोनवाने, सूरजलाल सोनवाने, पूरनलाल कावरे, खेमचंद जामने, गोपाल सहारे, नैनसिंह पालेवार, दुर्गाप्रसाद उइके सहित अन्य स्वजातीयजन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के लोगों को वीर नारायण सिंह की शहादत से अवगत कराना है _संतलाल सहारे
आयोजित कार्यक्रम को लेकर की गई चलता के दौरान आदिवासी बिंझवार समाज के अध्यक्ष संतलाल सहारे ने बताया कि प्रति वर्ष 10 दिसम्बर को बिंझवार समाज के सपूत वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस मनाया जाता है। देश के आजादी में बिंझवार समाज के सपूत का भी योगदान है। उन्होंने बताया कि वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के सोनाखान क्षेत्र के जमींदार थे। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को कई बार धूल चटाया था। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के लोगों को वीर नारायण सिंह के शहादत के बारे बताना उनकी जीवनी से अवगत कराना और समाज के लोगों को एकजुट करना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here