मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम ने इंदौरियों को बड़ा झटका दिया है। 531 कॉलोनियों में संपत्ति कर बढ़ा दी है। इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है। इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षदों ने इसका विरोध किया है। साथ ही निगम के सीनियर अधिकारियों से फैसला वापस लेने का आग्रह किया है। अगर फैसले वापस नहीं लिए गए तो आने वाले दिनों में इसे लेकर बड़ा आंदोलन होगा। इंदौर नगर निगम के फैसले से रहवासियों पर बोझ बढ़ गया है।
नए कर तय किए गए
वहीं, एमआईसी के प्रस्ताव के आधार पर किए गए बदलावों में कॉलोनियों को उच्च दर वाले क्षेत्रों में पुनर्वर्गीकृत करना शामिल है, जिससे निवासियों को नई दरों पर संपत्ति कर का भुगतान करना होगा। आईएमसी एलओपी चिंटू चौकसे ने दावा किया, ‘लोकसभा चुनाव समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर निगम ने लोगों को चौंका दिया है। शहर की 531 कॉलोनियों में संपत्ति कर स्लैब को पिछले दरवाजे से बढ़ा दिया गया है।
12 से 63 फीसदी तक बढ़ा
उन्होंने आगे कहा कि इन कॉलोनियों में निवासियों पर 12% से 63% तक संपत्ति कर का बढ़ा हुआ बोझ पड़ेगा। नया स्लैब इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगा, इसलिए निगम ने आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि हमने आईएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सिद्धार्थ जैन और अभिलाष मिश्रा को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है और उनसे बढ़ा हुआ संपत्ति कर वापस लेने का आग्रह किया है।
पांच वर्गों में बांटा गया
शहर में 2210 कॉलोनियां हैं, जिन्हें 5 दर क्षेत्रों में बांटा गया है। जोन 1 में सबसे ज्यादा दरें हैं, जबकि जोन 5 में सबसे कम दरें हैं। निगम ने 531 कॉलोनियों के दर क्षेत्रों में बदलाव किया है। कुछ कॉलोनियों को जोन 5 से जोन 2 में और कुछ को जोन 5 से जोन 4 में स्थानांतरित किया गया है। इसी तरह जोन 4 की कॉलोनियों को दर क्षेत्र 3 या 1 में रखा गया है। नतीजतन, इस बदलाव से 531 कॉलोनियों के अंतर्गत आने वाले सभी लोगों के संपत्ति कर की दरों में वृद्धि होगी।