इंदौर के सनावदिया गांव की शासकीय गोशाला में चार दिन में चार गायों की मौत

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इंदौर जिले के सनावदिया गांव की शासकीय गोशाला में बीते चार दिन में चार गायों की मौत हो गई। इनमें दो गायें बीमारी के कारण मरी हैं तो दो की मौत फूड पाइजनिंग से होना बताया जा रहा है। पशु चिकित्सा विभाग के डाक्टरों के दल ने दो दिन तक लगातार गोशाला का निरीक्षण किया और अन्य बीमार गायों का इलाज किया। दो गायें तो इतनी बीमार थीं कि इलाज के बाद भी उनकी मौत हो गई। इस बीच गोशाला में गायों के लिए पौष्टिक चारे की कमी लगातार बनी हुई है। गोशाला चलाने वाले स्वयं सहायता समूह को अब भी शासकीय राशि नहीं मिल पाई है।

नईदुनिया ने एक सप्ताह पहले ही गोशाला की दुर्दशा का मुद्दा उठाया था। इसके बाद प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग हरकत में आया है। गोशाला में गायों की देखरेख और चारे की व्यवस्था में आंशिक सुधार आया है, लेकिन अब भी यहां काफी ध्यान देने की जरूरत है। बहरहाल गायों की मौत को लेकर पशु चिकित्सक डा. मनीष व्यास के मुताबिक, गोशाला की व्यवस्था देखने वाले कर्मचारी ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन बाहर से आए लोगों ने बरसीम, लचका और चरी खिला दिया था। जांच में सामने आया कि इससे गायों को अफारा हुआ और फूड पाइजनिंग से मौत हो गई। गोशाला के अंदर कुछ गायों के बीच लड़ाई हुई। इससे दो गायें घायल हो गई थीं।

गोशाला के पास संसाधनों की कमी – सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी डा. जयकिरण मालवीय का कहना है कि चरी में कुछ दिन सिंचाई किए बिना इसे जानवरों को खिलाने पर भी फूड पाइजनिंग होती है। गोशाला में अधिक सर्दी के कारण भी गायें बीमार हो रही हैं। गायों का उपचार किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से तहसीलदार राजेश सोनी ने गोशाला का दौरा कर यहां गोशाला की खाली जमीन पर चारा उगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन गोशाला के पास संसाधनों की कमी होने से इस पर अमल नहीं हो पाया है। कुछ हिस्से में चारा उगाया गया है, लेकिन इससे सभी गायों की पूर्ति होना मुश्किल है। गेहूं और चने के सूखे चारे की और जरूरत बनी हुई है। गोशाला चलाने वाले समूह के संचालक बहादुर ने बताया कि गोशाला चलाने के लिए शासन की ओर से मिलने वाली राशि अब भी नहीं आई है। हमने अपने स्तर पर व्यवस्था कर सूखे चारे का छोटा ट्रक बुलवाया था। आगे भी व्यवस्था कर रहे हैं।

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