नगर मे ईद ए अज्हा का पर्व 17 जून को शहीदाने मक्काह की दुआये मगफिरत के साथ मनाया गया। पैगंबरे इस्लाम हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने जिस जगह पर अपनी कुर्बानी की मिसाल अल्लाह को पेशे नजर की थी उसी स्थल पर मक्काह के मीना शहर मे ईदुज्जुहा के मौके पर करीब एक हजार हाजियों का विशाल इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत की अदायगी मे हो गया। सोमवार की सुबह 7:30 बजे ईदगाह में उपस्थित हुए जहां पर कुर्बानी के सिलसिले पर और इस वाक्ये पर तफसीली बयान के मौलाना ने फर्माया। दो रकाअत नमाज़ की अदायगी करने के बाद सभी भाईयों ने एक दूसरे को ईद ए अज्हा की मुबारक बाद दी। ईदगाह में नमाज संपन्न होने के बाद सभी मुस्लिम भाईयों ने ही एक दूसरे से गले मिलकर अपने गिले शिकवे मिटाये बल्कि अन्य लोगों के गले मिलकर ईद ए अज्हा की दिली मुबारक बाद पेश की गयी।
मरहूमो की कब्र पर मांगी गयी दुआए
ईदगाह मे नमाज की अदायगी के बाद सभी मुस्लिम भाईयों ने कब्रों की तफरीह की अपने अपने मरहूमों की कब्रों पर पहुंचकर उन्होने गुलपोशी की खुश्बू का नजराना इत्र और लुभान अगरबत्ती लगाकर पेश किया। इस दौरान कब्रों के पास खड़े होकर अपने अपने मरहूमों की दुआये मगफिरत के लिये दुआएं मांगी गई। जिसके बाद वह अपने घरों की तरफ चल पड़े।
मुसलमानों ने घरों में कुर्बानी की अदा की रश्म
उल्लेखनीय है कि ईद की नमाज़ की अदायगी के बाद वाजेह ठहराई गई कुर्बानी की रस्म एक पैगाम के साथ साहिबे हैसियत मुसलमानों ने अपने अपने घरों मे अदा की। यह सिलसिला तीन रोज तक चलेगा। विदित हो कि इस दौरान नगर के मुस्लिम धर्मावलंबियों के द्वारा ईद ए अजहा व ईद उल फितर साल के दो बड़े पर्व है जिसकी शहरवासियों को जमात और कमेटी की ओर से मुबारकबाद और इस अवसर पर दुआ करते हैं कि शहर में अमन चैन बना रहे नगर क्षेत्र प्रदेश देश और दुनिया की हिफाजत फरमाये। हमारे क्षेत्र में पानी की कमी है जिस पर अल्लाह रहमत की बारिश फरमाये।
गरीब बेसहारों की मदद का दिया पैगाम
कब्रिस्तान स्थित ईदगाह में अदा की गई विशेष नमाज के पहले इमाम साहब के द्वार अपने ब्यान में गरीब बेसहारों की मदद करने मिलजुल कर रहने नियम कानूनों का पालन करने की बात कही। उन्हें उम्मीद होती है कि कोई उन्हें भी अपनी इस ईद की खुशी में शामिल करें इसीलिए चाहिए कि सबसे पहले ईद की खुशियों में गरीब यतीम बेसहारों को याद किया जाये उनकी मदद की जाये उनकी जरूरतों को पूरा किया जाये यही ईद के सच्चे मायने हैं। वही पर्व से जुड़ी कहानी भी बतायी जिसके बाद नमाज अदा कराई। जिसमे सभी ने सामूहिक दुआ कर लोगो ने एक दूसरे को गले लगाकर ईद पर्व की मुबारकबाद दी।
पुलिस प्रशासन दिखा मुस्तैद
ईद ए अज्हा पर्व के अवसर पर नगर में शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में पर्व मनाए जाने को लेकर सुबह से ही पुलिस प्रशासन नगर व क्षेत्र की मस्जिदों एवं कब्रिस्तान में मुस्तैद रहा जहां पर हर गतिविधि पर नजर बनाए रखी गई वहीं नगर में पुलिस का काफिला गस्त करता रहा। इस बाद ईदगाह में नमाज अदा की गई जहाँ पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रही जहाँ यातायात भी डायवर्ड किया गया।
अल्लाह सब की परीक्षा लेता हैं धैर्य बनाये रखे – इकबाल खान
मुस्लिम समाज सदर इकबाल खान ने पदमेश से चर्चा में बताया कि ईद ए अज्हा पर्व की नमाज ईदगाह में अदा की है। यह पर्व हम मुस्लिम धर्मावलंबियों का एक बड़ा पर्व है। हम अल्लाह पाक से जो मांगते हैं वह देता है पर परीक्षा लेता है हम जिनके नाम पर यह त्योहार मनाते हैं वह हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माइल है। श्री खान ने बताया कि हजरत इब्राहिम की उम्र 90 वर्ष हो गई थी और उन्हें कोई संतान नहीं थी जिस पर उन्होंने खुदा से संतान मांगा तो अल्लाह ने उन्हें एक बेटा दिया और कहा कि तुम मुझे कुर्बानी में ऐसी चीज दो जो तुम्हें बहुत प्यारी है। जिस पर हजरत इब्राहिम ने जानवरों की कुर्बानी दी जिस पर भी अल्लाह ताला नहीं माने और कुर्बानी की मांग की तो इब्राहिम ने अपने बेटे की ओर देखा और उसे कुर्बानी के लिए लेकर के गये और आंख में पट्टी बांधकर जैसे ही छुरी चलाई तो मेंढे की आवाज आई और देखा तो मेढ़ा कुर्बान हो गया था। बेटा बाजू में खड़ा था इसलिए अल्लाह सब की परीक्षा लेता है जीवन में धैर्य बनाकर रखें। ईश्वर सबकी जरूरत जरूर पूरी करता है किंतु समय पर करता है। सभी से यही अपील है कि वह खुदा के नियमों का पालन करें नहीं ईश्वर से कामना है कि वह क्षेत्र में अमन चयन बनाये रखें।