जलभराव की समस्या को लेकर व्यापारियों द्वारा किए गए विरोध के बाद , पानी निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था तो नहीं बनाई गई लेकिन इस समस्या से छुटकारा पाने और व्यापारियों को खुश करने के लिए दूसरी नई समस्या पैदा की जा रही है।
जिसका एक नजारा इन दिनों हनुमान चौक में देखा जा रहा है जहां 1 दर्जन से अधिक व्यापारियों ने अपनी अपनी दुकानों के सामने पक्के रैम्प बनवा लिए हैं। दुकान से लेकर आधी सड़क तक बनाए गए इन रैम्प से व्यापारियों के दुकान तक तो ग्राहक पहुंच जाएंगे लेकिन इस रैम्प बनाने से यहां की यातायात व्यवस्था बाधित होने की नई समस्या आन पड़ी है।
वही रैम्प बनने में लगने वाली लागत भी नपा द्वारा वहन किए जाने की बात सामने आई है ।
एक समस्या से छुटकारा पाने खड़ी की जा रही दूसरी समस्या?
हनुमान चौक में व्यापारियों द्वारा दुकान से लेकर आधी सड़क तक रैम्प बनाए जा रहे है। जो एक समस्या से छुटकारा पाने, दूसरी नई समस्या खड़ी करना प्रतीत हो रहा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो व्यापारियों के आक्रोश के आगे सत्तापक्ष नर-मस्तक है ,तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी व्यापारियों को खुश करने के लिए हां में हां मिला रहे हैं। जो जलभराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए ना तो वैकल्पिक व्यवस्था बना रहे हैं और ना ही बरसों पुरानी इस समस्या का परमानेंट हल खोजा जा रहा है।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया ने बताया कि नगरपालिका का ज्यादातर स्टाफ चुनाव ड्यूटी में है। वे खुद चुनाव ड्यूटी में लगे हुए हैं। जिसके चलते उन्होंने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। व्यापारी लोग खुद के पैसे से ही रैम्प का निर्माण कर रहे है। उसके लिए नगर पालिका द्वारा किसी प्रकार का कोई खर्च वहन नहीं किया जा रहा है।