बालाघाट(पद्मेश न्यूज़)। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए 29 जुलाई को निर्वाचन की प्रक्रिया की गई। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सम्राट अशोकसिंह सरस्वार जीते, वही जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर योगेश राजा लिल्हारे 14 मत प्राप्त कर विजयी हुये। यह कहे कि जिला पंचायत बालाघाट में कांग्रेस की सरकार बनी। हालांकि कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकृत रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए दूसरे उम्मीदवार खड़े किये गये थे लेकिन चाहे वह भाजपा के हो या कांग्रेस के उम्मीदवार हो उन्हें विजयश्री नहीं मिल पाई और कांग्रेस के बागी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे सम्राट सरस्वार और योगेश राजा लिल्हारे को जीत हासिल हुई।
निर्वाचन प्रारंभ होने के दौरान से ही सम्राट समर्थक कांग्रेसियों द्वारा की जाती रही आतिशबाजी
आपको बताये कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान नामांकन फार्म दाखिल करने के दौरान से ही सम्राट सिंह सरस्वार समर्थक कांग्रेसियों द्वारा पटाखे फोडऩा प्रारंभ कर दिया गया था, जो चुनाव संपन्न होने तक बीच-बीच में जारी रहा। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के परिणाम आते ही समर्थकों द्वारा भारी आतिशबाजी की गई, दोनों विजयी प्रत्याशियों का समर्थकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया वहीं जिला पंचायत कार्यालय के सामने से ही विजय जुलूस निकाला गया जो कालीपुतली चौक से मेन रोड हनुमान चौक होते हुए पूर्व विधायक अशोकसिंह सरस्वार के निवास पहुंचकर यह जुलूस समाप्त हुआ। जुलूस में विधायक एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे के साथ ही जिला पंचायत सदस्यगण एवं उनके समर्थक शामिल रहे। नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का रास्ते में जगह-जगह उनके समर्थकों द्वारा फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया।
11 मत प्राप्त कर जीते सम्राट
जिला पंचायत कार्यालय जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे से प्रारंभ हुई। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवारों द्वारा नामांकन फार्म दाखिल किया गया, कांग्रेस पार्टी की ओर से श्रीमती केसर बिसेन, भाजपा की प्रत्याशी के रूप में श्रीमती अनुपमा नेताम ने नामांकन फार्म भरा, वहीं कांग्रेस खेमें के ही जिला पंचायत सदस्य सम्राट सिंह सरस्वार ने भी नामांकन फार्म भरा। जिसमें केसर बिसेन को 8 मत, अनुपमा नेताम को 8 मत और सम्राट सिंह सरस्वार को 11 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार सम्राट सिंह सरस्वार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए।
14 मत लेकर उपाध्यक्ष बने राजा लिल्हारे
इसके बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ की गई। उपाध्यक्ष पद के लिए 3 लोगों ने नामांकन फार्म भरा, कांग्रेस पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी के रूप में दलसिंह पन्द्रे, भाजपा से डुलेन्द्र ठाकरे एवं सम्राट सरस्वार खेमे से योगेश राजा लिल्हारे द्वारा नामांकन फार्म दाखिल किया गया। जिसमें भाजपा प्रत्याशी डुलेन्द्र ठाकरे को 7 मत, कांग्रेस प्रत्याशी दलसिंह पन्द्रे को 6 मत और सम्राट समर्थक प्रत्याशी योगेश राजा लिल्हारे को 14 मत मिले। इस प्रकार जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के लिए राजा लिल्हारे को निर्वाचित घोषित किया गया।
दो गुट हो जाने के कारण खुलकर सामने नहीं आ पा रहे थे वरिष्ठ कांग्रेसी
ज्ञात हो कि चुनाव के शुरुआत से ही कालीपुतली चौक जयस्तंभ चौक में सम्राट सरस्वार समर्थको का जमावड़ा लग गया था लोगों में भारी उत्साह था। चूंकि सम्राट सिंह सरस्वार कांग्रेस पार्टी से हैं इसलिए सभी समर्थक कांग्रेस पार्टी के ही उनके साथ थे। यह जरूर है कि कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी जो सम्राट के पक्ष में जरूर थे लेकिन कांग्रेस पार्टी को देखते हुए उन्हें थोड़ी दूरी बनाए रखना पड़ा। वह कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी ऐसे भी दिखे जिनका योगदान कांग्रेस पार्टी से ही सम्राट के खिलाफ अधिकृत रूप से दूसरे उम्मीदवार को खड़ा करने में रहा, इनकी नजरे भी पूरे समय चुनाव के नतीजों पर रही लेकिन वे भी चुनाव में आने वाले नतीजों को भांपकर खुलकर सामने आने से बचते दिखें।
कांग्रेस संगठन द्वारा देर रात्रि में अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा करने के बाद से मच गई थी खलबली
जिला पंचायत सदस्य चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में सम्राट सिंह सरस्वार का नाम लिया जा रहा था। कांग्रेस संगठन में भी यही नाम चल रहा था क्योंकि बहुतायत जिला पंचायत सदस्य खुले तौर पर उनके साथ में थे, लेकिन बाद में चाहे गुटबाजी कहो या अन्य कोई वजह वरिष्ठ कांग्रेसियों जिनमें विधायक एवं पूर्व विधायक की मौजूदगी में 28 जुलाई की शाम को भरवेली के रेस्ट हाउस में गोपनीय बैठक आहूत कर देर रात्रि में पत्र जारी कर कांग्रेस पार्टी की ओर से केसर बिसेन के नाम को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए और दलसिंह पन्द्रे के नाम को जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लिए अधिकृत प्रत्याशी के रूप में घोषित कर दिया गया। इससे राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई और लोगों के जहन में यही सवाल उठ रहा था कि पता नहीं अब पलड़ा किस ओर जाएगा।
22 वर्ष बाद पुरुष अध्यक्ष के हाथ में होगी जिला पंचायत की कमान
जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के परिणाम आते ही यह साफ हो गया है कि जिला पंचायत की बागडोर अब पुरुष के हाथ में रहेगी। करीब 22 वर्षों के बाद बालाघाट जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पुरुष अध्यक्ष काबिज होगा। 1 मार्च सन 2000 से अब तक 4 पंचवर्षीय कार्यकाल में जिला पंचायत अध्यक्ष की बागडोर महिलाओं के हाथ में रही जिनमें श्रीमती अनुसूईया बिसेन, श्रीमती रेखा बिसेन, श्रीमती कुंती धुर्वे एवं उसके बाद फिर से श्रीमती रेखा बिसेन शामिल है। इस प्रकार 22 वर्ष के बाद जिला पंचायत की कमान पुरुष के हाथ में जाएगी।
जिले के विकास के लिए अच्छे से अच्छा कार्य किया जाएगा – सम्राट सिंह सरस्वार
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचित सम्राट सिंह सरस्वार ने बताया कि जिस तरह से उनके साथ षड्यंत्र हुआ, कांग्रेस के बुजुर्ग लोगों से ही पूछे क्यों कांग्रेस को ही हराया जा रहा है। मैं पूरी तरीके से जीत के कगार में था अध्यक्ष बन चुका था उसके बाद भी यह चीज क्यों हुई, कहां गुटबाजी है इसका हमें पता नहीं है यह बड़े नेता ही जाने। मैं कांग्रेसी था हूं और रहूंगा, मेरे घर से ही कांग्रेस चालू हुई मेरे दादाजी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे मुझे कांग्रेस से बाहर कोई बोले तो वह मुझे सहन नहीं होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष बनने पर जहां तक प्राथमिकता की बात है अभी तो जिला पंचायत में प्रवेश कर रहे हैं अभी इसे पूरा समझना है निश्चित रूप से जिले के विकास के लिए उनके द्वारा अच्छे से अच्छा कार्य किया जाएगा।
यह हिना दीदी की जीत है – राजा लिल्हारे
वही नवनिर्वाचित जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने इस जीत को विधायक सुश्री हिना कावरे की जीत बताते हुए कहा कि उन्हें जो यह जीत मिली है यह जनता की और क्षेत्रवासियों की जीत है। चुनाव के पूर्व से ही जनता का स्नेह मिल रहा था, आज भी वही स्नेह जिला पंचायत सदस्यों का मिला। मेरा लक्ष्य सिर्फ क्षेत्र का विकास करना है उसके अलावा और कोई लक्ष्य नहीं। अंतिम छोर के व्यक्ति तक शासन की योजना का लाभ पहुंचाना है समाजसेवी के तौर पर राजा लिल्हारे अंतिम छोर के व्यक्ति से जुड़ा हुआ है यही कारण है कि जनता ने उन्हें प्रतिफल दिया, यह हमारी नहीं हिना दीदी की जीत है।
अधिकृत प्रत्याशी केसर बिसेन ने नहीं की मीडिया से बात
जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के परिणाम आने के बाद सभी प्रत्याशी व जिला पंचायत सदस्यों के बाहर निकलने के दौरान जब कांग्रेस पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती केसर बिसेन से चर्चा करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। यह कहे कि श्रीमती बिसेन द्वारा मीडिया से बात नहीं की गई।
भाजपा पर भारी पड़ी कांग्रेस – हिना कावरे
चुनाव प्रक्रिया के दौरान मौजूद रही लांजी विधायक सुश्री हिना कावरे ने बताया कि आज जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का निर्वाचन हुआ पूरे जिले की जनता ने कांग्रेस को जिताकर लाया है निश्चित रूप से जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम करेंगे। पूरा विश्वास है जो जीत इस चुनाव में मिली है उसका असर वर्ष 2023 और 2024 में रहेगा, हम कमलनाथ जी के मार्गदर्शन में काम करेंगे। कमलनाथ जी ने सबसे पहली मीटिंग सदस्यों के साथ किया था उसमें एक ही बात कहा था हमारे सदस्य जो चाहेंगे वही अध्यक्ष बनेगा। सदस्यों ने कमलनाथ जी की बात को गंभीरता से मांगा। कांग्रेस पार्टी की ओर से जो लेटर जारी किया गया वह लेटर दबाव में जारी किया गया या किस तरह से किया गया इसकी जानकारी जिन्होंने जारी किया उन्हीं से पूछना चाहिए मैं बैठक में उपस्थित नहीं थी। हमने वही किया जो पहली मीटिंग में कमलनाथ जी ने निर्देश दिया था, आज के परिणाम ने बता दिया कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ी है कांग्रेस संगठन भारी पड़ा। यह जरूर है कि दो हिस्सों में बट गए इसलिए थोड़ी दिक्कत हो गई पर जीता तो कांग्रेस और वह जीते भी कांग्रेस के वोटों से है।
सम्राट सरस्वार पर जिलेवासियों को भरोसा है – भुरु पटेल
चुनाव प्रक्रिया के दौरान बाहर मौजूद कांग्रेसी जनपद सदस्य भुरु पटेल ने कहा कि जो लोग 6 लोगों को लेकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे यह उनके मुंह पर कालिख है। हम जनता के साथ वह कार्य कर दिखाएंगे जो आज तक जिला पंचायत में नहीं हुआ, सम्राट सरस्वार पर हमारे जिलेवासियों को भरोसा है और गर्व है इन्होंने कांग्रेस की साख को बचाए रखा। जितने लोगों ने कांग्रेस को विजयी बनाने में सहयोग दिया उनको धन्यवाद देते हैं।
पुरानी कांग्रेस ने यहां का नाम डूबा दिया है – राकेश डहरवाल
पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेसी राकेश डहरवाल ने बताया कि यह जो नतीजे आए इसके लिए सभी पत्रकार जगत को धन्यवाद देता हूं। सम्राट सरस्वार को पब्लिक का आशीर्वाद था जनता की मांग थी। नई कांग्रेस बनाएंगे बालाघाट जिले की यह सोच थी। आज आप लोगों ने देखा पुरानी कांग्रेस ने यहां का नाम डूबा दिया है अब यहां पर नई कांग्रेस उभरकर आ रही है। सम्राट सरस्वार के नेतृत्व में बालाघाट जिले की कांग्रेस चलेगी, शासन की जितनी भी योजनाएं हैं निष्पक्ष रुप से जनता तक पहुंचेगी।