वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। सरकार की वादा खिलाफ ी और झूठे आश्वासन के बाद किसानों का आक्रोश हर तरफ देखने को मिल रहा है। जहां किसानों के द्वारा सरकार को उसके वादे को याद दिलाते हुए ३१०० रुपये प्रति क्विंटल ध्यान का समर्थन मूल्य देने एवं पिछली खरीदी का ९१७ रुपये सभी किसानों को दिए जाने की मांग की जा रही है। इसी बीच महदोली निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य ज्ञान प्रकाश उर्फ पप्पू पटेल के द्वारा शासन को २५ दिसंबर तक किसानों की मांगे पूर्ण करने की अपील करते हुए मांगे पूरे ना होने पर २५ दिसंबर को जय स्तंभ चौक पर खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई थी। इसी कड़ी में २३ दिसंबर को पप्पू पटेल के द्वारा किसानों के साथ एसडीएम कार्यालय और पुलिस थाने में उपस्थित होकर लिखित सूचना दी गई है। जिसमें उल्लिखित है की सरकार के द्वारा हम किसानों से वादा खिलाफ ी करने एवं विधानसभा शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट में किसानों की मांग ३१०० रूपये को शामिल नहीं किया गया। इस प्रकार हम किसानों के साथ सरकार ने धोखाधड़ी की जिसकी वजह से त्रस्त होकर मैं आत्मदाह करने जा रहा हूँ। सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जायेगा एवं सभा को सम्बोधित किया जायेगा इसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी इस अवसर पर कृषकगण मौजूद रहे।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य पप्पू पटेल २५ दिसबंर को करेंगे आत्मदाह -सुभाष पारधी
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ अध्यक्ष सुभाष पारधी ने बताया कि २५ दिसंबर को हमारे पूर्व जिला पंचायत सदस्य ज्ञान प्रकाश पप्पू पटेल के द्वारा आत्मदाह करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में हम एसडीएम को ज्ञापन देने के लिए यहां पर आए हुए हैं अभी जो बजट सत्र था तो सरकार ने ३१०० समर्थन मूल्य देने पर कुछ नहीं कहा और ना ही बजट में कुछ रखा। इसलिए हम चाहते हैं कि ३१०० समर्थन मूल्य हमें मिले वरना आंदोलन जारी रहेगा अभी भी किसानों के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। सभी सोसायटियों में काले झंडे लगे हुए हैं हालांकि यह बात अलग है कि किसान बहुत गरीब होता है बहुत ज्यादा समय तक अपनी धान नहीं रोक पाता है। परंतु खरीदी के बाद आंदोलन को तेज गति दी जायेगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों के साथ कर रहे छलावा -पप्पु पटेल
ज्ञानप्रकाश उर्फ पप्पू पटेल ने बताया कि हमारे द्वारा यहां आकर ज्ञापन देने का विषय यह है कि पिछले एक महीने से किसानों को समर्थन मूल्य जो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देने को कहा था उसकी कोई घोषणा अभी तक नहीं हुई है। तो इस संबंध में २५ दिसंबर की दोपहर २ बजे आत्मदाह करने का हमारा निर्णय है। हमारा सोचना है कि सभी को धान की कीमत मिले मुख्यमंत्री रामपायली आए हुए थे तो जहां सभा में उनके द्वारा ३१०० रुपये दिलाऊंगा कहा था। किंतु वह किसानों के खाते में नहीं आया है पुराना ९१७ रुपये भी नहीं दिया है नई खरीदी प्रारंभ हो गई है इनका कोई ध्यान नहीं है। किसानों में बेहद आक्रोश है यह किसानों के हक की लड़ाई है।
यह भाजपा और कांग्रेस की नही किसानों के पेट की लड़ाई है
श्री पटेल ने कहा कि कुछ नेताओं का दिख रहा है कि वह भाजपा और कांग्रेस कर रहे हैं उनसे कहना है कि वह राजनीति को बीच में ना लेकर आयें। यह किसान के पेट की लड़ाई है जिले में हमारे ६ विधायक है जो जीते हैं उनका मूल काम भी खेती किसानी है और जिले की जनता का भी काम खेती किसानी है। हमें हमारी उपज का मूल्य यदि यह विधायक नहीं दिला सकते हैं तो सभी विधायक अपना इस्तीफ ा देकर किसान की लड़ाई में शामिल होकर भोपाल तक इस लड़ाई को लेकर जायें। विधानसभा में चप्पल जूते कागज फ ाडक़र ऐसा विरोध करें कि विरोध दिखे खाली बोलने से विरोध नहीं होता है । कि खुद बोल रहे हैं खुद ही सुन रहे हैं।