किसी ने 30, किसी ने 40 तो किसी ने 80हजार रु देकर बनवाई थी फर्जी अंकसूची

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पैसों के बलबूते पर फर्जी मार्कशीट बनवाकर उस फर्जी मार्कशीट के आधार पर सरकारी नौकरी करने वाले गिरफ्तार चार युवकों को कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को जिला सत्र न्यायालय में पेश किया।जहां से उन्हें जिला जेल भेज दिया गया है। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस अब फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह को दबोचने में जुट चुकी है। जहां गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाकर देने वाले तीन आरोपियों के नाम का खुलासा करते हुए, उनकी धरपकड़ की कार्रवाई तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि जल्द ही पुलिस फर्जी मार्कशीट बनाकर देने वाले दलालों को गिरफ्तार करेगी ।जहां फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले और बनाने वाले सभी आरोपियों पर वैधानिक कार्यवाही कर, उन्हें जेल भेजा जाएगा ।जहां पुलिस द्वारा फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा जल्द किए जाने की बात कही गई है।बताया जा रहा है कि गिरफ्तार इन आरोपियों ने में से किसी ने 30 किसी ने 40 तो किसी ने 80 हजार रु देकर फर्जी मार्कशीट बनवाई थी, और उसी फर्जी मार्कशीट के आधार पर बालाघाट डाक विभाग में नौकरी हासिल की थी।
आपको बताएं कि हाल ही में फर्जी मार्कशीट बनाकर डाक विभाग में नौकरी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए कोतवाली पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसमें से पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर, फर्जी अंकसूची तैयार करने वाले गिरोह को लेकर पूछताछ की थी, जहां गिरफ्तार सभी 4 आरोपियों से मिले अहम सुराग के बाद पुलिस ने आरोपियों को भादवी 1860 की धारा 468, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर उन्हें शुक्रवार को जिला सत्र न्यायालय में पेश किया ।जहां मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश ने गिरफ्तार सभी आरोपियों को जिला जेल भेज दिया है। उधर पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरहो के सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है।

राजस्थान कोटा के राजेंद्र, तो बिहार के पंकज,शमीम, ने बनाई थी फर्जी मार्कशीट
आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले दलालों के नामों का किया खुलासा
पैसों के बलबूते पर फर्जी मार्कशीट बनवाकर उस फर्जी मार्कशीट पर नौकरी हासिल करने वाले गिरफ्तार किए गए सभी 4 आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट बनाकर देने वाले दलालों के नामों का खुलासा किया है ।जिसमें राजस्थान के कोटा निवासी राजेंद्र तो बिहार के पंकज और शमीम खान नामक दलालों के नामों का समावेश है। बताया जा रहा है कि बिहार शरीफ निवासी पंकज सिंह ने आरोपी बिहार पटना के ग्राम डुमनिया निवासी चंदन कुमार यादव, और बिहार नालंदा, ग्राम थरथरी निवासी शिव शंकर यादव की फर्जी मार्कशीट तमिलनाडु बोर्ड की बनवाई थी। तो वही बिहार के ही शमीम खान ने राजस्थान करौती, के कुडगांव निवासी मनीष कुमार मीना, की दिल्ली बोर्ड के नाम से फर्जी मार्कशीट बनाकर दी थी। इसी तरह राजस्थान कोटा निवासी दलाल राजेंद्र ने बिहार सीवान ग्राम सहसराव निवासी रंजीत परित की फर्जी मार्कशीट बनवा कर दी थी बताया जा रहा है कि इन दलालों ने मोटी रकम के एवज में गिरफ्तार युवकों को फर्जी मार्कशीट बना कर दी थी ।जहां आरोपियों ने इन सभी दलालों के नामों का खुलासा किया है जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है।

इन आरोपियों को भेजा गया जेल
फर्जी मार्कशीट के बलबूते पर डाक विभाग में शासकीय नौकरी पाने वाले इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमे राजस्थान करौती, के कुडगांव निवासी मनीष कुमार पिता मंटूलाल मीना, बिहार पटना के ग्राम डुमनिया के चंदन कुमार पिता रामयतन यादव, बिहार नालंदा, ग्राम थरथरी के शिव शंकर पिता भीम यादव और ,बिहार सीवान ग्राम सहसराव के रंजीत पिता कैलाश परित
को गिरफ्तार कर उन्हें शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है तो वहीं इसी मामले से जुड़े एक अन्य आरोपी, बिहार सीवान के रोहित कुमार पिता अमरेश यादव की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है।

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