वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत झालीवाड़ा से लगे छोटे वृक्षो के जंगल में आकाश इंडस्ट्रीज एवं एथेनॉल प्लांट के द्वारा जली हुई केमिकल युक्त राख को डंप किया जा रहा है। जिससे सीधा किसानों के खेतों में असर पड़ रहा है जिसको लेकर किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है क्योंकि बारिश के पानी के साथ यह राख बहकर किसानों के खेतों में पहुंच रही है। तो वहीं इस राख भरा पानी भी किसानों के खेतों में जा रहा है जहां पर भारी दुर्गंध और लगाए गए रोपे पर असर दिखने लगा है। जिसको लेकर ग्राम के किसानों के द्वारा अपनी आवाज बुलंद की जा रही है परंतु जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में किसानों के खेत और उनकी उपज पर यह एक संकट बना हुआ है जिससे हर कोई किसान डरा हुआ है और उनके द्वारा शासन प्रशासन से इस मामले में गंभीरता से ध्यान देते हुए उक्त दोनों संस्था पर कार्यवाही कर आगे से दोबारा रख डंप बंद करवाने और जो डंप है उसे उठाने की मांग की जा रही है।
चार स्थानों पर की जा रही राख डंप
प्राप्त जानकारी के अनुसार इथेनॉल प्लांट में धान का छिलका पैरा सहित अन्य वस्तुओं को जलाया जा रहा है वही आकाश इंडस्ट्रीज राइस मिल में भी धन से चावल बनाने की प्रक्रिया के बाद निकलने वाले छिलके को जलाकर विभिन्न क्रिया उपरांत छोटे झाड़ के जंगल में जगह-जगह डंप किया जा रहा है। जिसमें चार स्थान पर बड़ी मात्रा में डंप किया जाना बताया जा रहा है जहां पर बड़ी मात्रा में डम्फर से राख फेंका गया है जो बारिश के पानी के साथ खेतों में उतर रही है। जिससे खेती में लगाए गए रोपे का पौधा ठीक से तैयार नहीं हो पा रहा है। तो वही छोटे-छोटे जीव जंतु खेतों में मरने लगे हैं जबकि यह किसान की खेती के सहायक होते हैं जो जमीन को उपजाऊ बनाने में काम करते हैं। गर्मी के समय यहां राख उड़ने से लोगों की आंखों पर असर पड़ रहा था परंतु अब इसका पानी और यह खेती को प्रभावित कर रही है।
किसान सूकचंद वरकड़े ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारे यहां आकाश राइस मिल की जो राख आ रही है इससे तालाब भी भरता जा रहा है। जबकि यह तालाब हमारी फसल को सिंचाई करने के लिए है परंतु उसके किनारे राख डंप की गई है जो बहकर खेतों में जा रही है जिससे हमारी फसल को नुकसान हो रहा है। तो वही यह राख का पानी उतरकर तालाब में जा रहा है तो केमिकल युक्त है ऐसे में सिंचाई का पानी में भी केमिकल मिल रहे हैं इससे भी हमें नुकसान है। यहां पर धान को सड़ा गला कर कैमिकल युक्त करने के बाद उसे जलाकर जंगल में राख डंप की जा रही है जबकि यहां मवेशी चरने के लिए आते हैं उन्हें भी नुकसान हो रहा है। हम चाहते हैं कि आकाश राइस मिल और एथेनॉल प्लांट के द्वारा यहां राख ना डाली जाये।
मोनू सरोवर देशमुख ने पदमेश से चर्चा में बताया कि यह तालाब शासन का है यह भूमि भी शासन की है किसान की सिंचाई तालाब से होती है सैकड़ो किसान इस तालाब के भरोसे खेती लगाते हैं। हमारे यहां एक तरफ आकाश राइस मिल है और दूसरे तरफ एथेनॉल प्लांट इसमें दोनों लोग अपने जले हुए अपशिष्ट को यहां पर डंप कर रहे हैं। आकाश राइस मिल में धान में जो जहरीले केमिकल मिलाते हैं उस धान का छिलका निकाल कर जलाकर यहां फेक रहे हैं इससे शासन को तो नुकसान है परंतु किसानों को भी नुकसान है। हमारा तालाब भरा रहा है केमिकल पानी फसल का नुकसान पहुंचाएगा खेत में जो किसान के सहयोगी कीट केकड़ा मेंढक घोंघा केचुआ होते हैं वह मर रहे हैं। अभी बीच में आकाश राइस मिल ने नहर में अपना जहरीला पानी छोड़ा था जिससे नहर के आसपास के गांव के तालाबों में एक से डेढ़ किलो की मछलियां मर रही थी तो फसल क्या है।
किसान मोहनलाल खंडाते ने बताया कि हम अपने खेतों में परहा नही लगा पा रहे हैं बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है पौधे का रोपा किया गया है परंतु वह बराबर से पौधा नहीं निकल पा रहा है। खेत में राख से पूरी स्थिति खराब हो गई है जमीन हार्ड हो गई है यह राख हमारे यहां नहीं होनी चाहिए। यहां करीब 4 एकड़ से अधिक भूमि में 500 से ज्यादा कंटेनर राख उक्त स्थान पर डाली गई है जो पानी में बहकर खेतों तक आ रही है। हर आदमी इससे परेशान है इसके पहले गर्मी में हवा तूफान में यह राख उड़ कर लोगों की आंखों में जा रही थी जिन्हें डॉक्टर के पास ही जाना पड़ रहा था जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ। परंतु अब किसान की कमर तोड़ने के लिए केमिकल वाला पानी और राख खेतों में आ रहे हैं यह बंद होना चाहिए।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि 2 दिन पहले हमें मामले में सूचना लगी थी जिसके संबंध में ग्राम पंचायत की बैठक बुलाई गई है। जिसमें प्रस्ताव लेकर जिला कलेक्टर और समस्त अधिकारियों को घटना के संबंध में आवेदन देकर कार्यवाही करने के लिए मांग की जाएगी। यह एक प्रकार से गलत काम है क्योंकि किसानों को तकलीफ हो रही है उनकी वर्ष भर की आर्थिक स्थिति खेती से चलती है जिस पर यह राख और उसका पानी परेशानी बताई जा रहा है।