Bhavina Patel Tokyo Paralympics: टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल (Bhavina Patel) की मेहनत अब रंग ला रही है। पहले सिल्वर मेडल मिला, अब गुजरात के मुख्यमंत्री ने विजय रुपाणी ने उन्हें 3 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सीएम ने भाविना के माता-पिता से भी बात की और उन्हें बधाई दी। आपको बता दें कि भाविना ने पैरालंपिक्स में देश को पहला सिल्वर मेडल दिलाया है। उनको बधाई देनेवालों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक शामिल हैं
महिला एकल वर्ग के फाइनल में उनका मुकाबला चीन की झोउ यिंग से हुई, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी ने लिखा है, भावना पटेल ने इतिहास रचा है। उनकी जीवन यात्रा प्रेरित कर रही है और खेल के प्रति युवाओं को आकर्षित करेगी। इसी तरह राष्ट्रपति ने लिखा, भाविना पटेल ने पैरालिंपिक में रजत पदक जीतकर खेलप्रेमियों को प्रेरित किया। आपके असाधारण दृढ़ संकल्प और कौशल ने भारत को गौरवान्वित किया है। इस असाधारण उपलब्धि पर आपको मेरी बधाई। भाविना पटेल गुजरात के मेहसाणा की रहने वाली हैं। उनके इस शहर में जश्न का माहौल है। (नीचे देखिए वीडियो)
गोल्ड से ऐसे चूकी Bhavina Patel
बता दें, झोउ यिंग ने पहला गेम 11-7 से जीतकर मैच में 1-0 की बढ़त बना ली थी। दुनिया की नंं 1 झोउ यिंग ने अपने बैकहैंड शॉट्स से भारतीय पैडलर को परेशान किया और बढ़त लेने में सफल रही। यिंग ने अगले दौर में भी अपना दबदबा कायम रखा और एक और गेम 11-5 से जीत लिया। तीसरे गेम में पहले दो गेम की तुलना में करीबी मुकाबला हुआ, लेकिन चीनी पैडलर ने खुद को शांत रखा और मैच जीतने में सफल रही।
इससे पहले भारतीय पैडलर भाविना पटेल ने विश्व नंबर 3 खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंची थी। उन्होंने चीन की मियाओ झांग 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 शनिवार को हराया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाविना की तारीफ की थी और उनका हौंसला बढ़ाया था।
Bhavina Patel: 12 साल की उम्र में हो गया था पोलियो
Bhavina Patel अभी 34 साल की हैं। 12 साल की उम्र में उनके माता-पिता को पता चला था कि बेटी को पोलियो हुआ है। हालांकि Bhavina Patel ने कभी खुद को अपाहिज नहीं समझा। टोक्या पैरालिम्पिक्स के क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने सर्बियाई प्रतिद्वंद्वी को 18 मिनट तक चले मैच में 11-5, 11-6, 11-7 से हराया था। इस जीत के बाद Bhavina Patel ने कहा था, मैं खुद को विकलांग नहीं मानती हूं, मुझे हमेशा विश्वास रहा कि मैं कुछ भी कर सकती हूं और मैंने यह भी साबित कर दिया कि हम पीछे नहीं हैं और पैरा टेबल टेनिस अन्य खेलों की तरह आगे हैं।