थाईलैंड की सरकार ने अपनी वैक्सीनेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने तय किया है कि जिन लोगों को चीन की सिनोवैक वैक्सीन का पहला डोज दिया गया है, उन्हें दूसरे डोज के रूप में ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाई जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने सोमवार को इसकी घोषणा की। चर्नविराकुल ने कहा कि दो अलग-अलग वैक्सीन के डोज लगाने से कोरोना के नए डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा मिलती है। इसलिए थाईलैंड के लोगों को सिनोवैक वैक्सीन का पहला डोज देने के 3 से 4 हफ्ते बाद एस्ट्राजेनेका का दूसरा डोज लगाया जाएगा। भारत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के नाम से तैयार की जा रही है। पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट यहां इसका उत्पादन कर रही है।
दोनों डोज ले चुके लोग चिंतित
अनुतिन चर्नविराकुल ने उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा, जिन्होंने सिनोवैक के दोनों डोज ले लिए हैं। अब थाईलैंड में ये सवाल भी उठ रहा है कि जिन लोगों ने एस्ट्राजेनेका का पहला डोज लगवा लिया है, उन्हें अब दूसरा डोज किस वैक्सीन का दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस बारे में कुछ नहीं बताया है।
यह फैसला डेल्टा वैरिएंट को रोकने के लिए बनाई गई नेशनल कम्युनिकेबल डिजीज कमेटी की मीटिंग के बाद सामने आया है। इस समय थाईलैंड में डेल्टा वैरिएंट के काफी मामले सामने आ रहे हैं। इसका पहला केस भारत में सामने आया था।
हेल्थ वर्कस को दिया जाएगा बूस्टर शॉट
इसके अलावा यहां हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दोनों डोज लगने के बाद बूस्टर शॉट देने का निर्णय लिया गया है। इसकी शुरुआत जुलाई में ही की जाएगी। थाईलैंड की सरकार ने बूस्टर शॉट के तौर पर एस्ट्राजेनेका या फाइजर की वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। अनुतिन चर्नविराकुल ने कहा कि इसे लागू नहीं किया गया तो रोजाना आने वाले कोरोना के मामले 10 हजार से भी ज्यादा हो सकते हैं और संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी 100 के पार जा सकता है।
थाईलैंड में मांग की जा रही है कि आम आदमी को घर पर खुद कोरोना टेस्ट करने की अनुमति दी जाए। संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद वहां बैंकॉक और आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य कर्मचारी उतनी टेस्टिंग नहीं कर पा रहे हैं, जितनी की जानी चाहिए। फिलहाल घर पर कोरोना जांच करने की अनुमति नहीं है। हालांकि हेल्थ प्रोफेशनल्स खुद का रैपिड एंटीजन टेस्ट कर सकते हैं।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
थाईलैंड में जिन लोगों को चीन की सिनोवैक वैक्सीन दी गई थी। वे लोग वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। 600 स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ ये वाकया हुआ था। अब इन लोगों को बूस्टर डोज देने की बात की जा रही है।