27 मई को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा होने के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई तो दूसरी और शिक्षकों का दृश्य कालीन अवकाश बीच में ही रद्द कर दिया गया ऐसे में शिक्षकों के सामने कई तरह की भ्रांतियां और चर्चाएं व्याप्त है।
सोशल मीडिया के दौर में शिक्षकों के ग्रुप में एक आदेश तो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है इस सब की छुट्टी रद्द हो चुकी है लेकिन उसके आगे क्या करें या किसी को नहीं पता तो जनाब कोई तर्क देता है कि रोजाना 11 से 5 तक स्कूल में जाकर बैठना है तो कोई कहता है भीषण गर्मी में बिना काम की स्कूल क्यों जाएं जब कोई काम हो तो स्कूल जाने का मतलब है पहले ही चुनाव की वजह से छुट्टियां रद्द हो गई है अब गर्मी में स्कूल जाकर क्या करें।
इस दौरान सबसे बड़ी समस्या उनके सामने है जो पहले से ही गर्मी की छुट्टी मनाने बाहर जा चुके हैं या फिर अपने सगे संबंधी की शादी विवाह के कारण में इतने अधिक व्यस्त हैं कि उन्होंने मोबाइल पर संदेश तक नहीं देखा है यदि संदेश मिला भी तो उनके सामने स्थिति उत्पन्न हो गई कि क्या करें क्या सब छोड़ छाड़ के स्कूल पहुंच जाएं।
शिक्षकों की दुविधा को देखते हुए जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार उपाध्याय से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि सुबह 11 से 5 तक स्कूल में रहने का ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। आचार संहिता लगी हुई है शिक्षकों की छुट्टियां रद्द हो चुकी है यह बात सत्य है। आगामी दिनों में ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी शिक्षकों को मुख्यालय पर रहना है अपने संबंधित शिक्षक के संपर्क में रहना है समय पर ट्रेनिगं जाना है और चुनाव के सभी कार्य में बेहतर तरीके से काम करना है।
गौर करने वाली बात यही है कि मुख्यालय नहीं छोड़ना है और चुनाव से संबंधित सभी कार्यों का संपादन समय पर करना है। रही बात 11 से 5 तक स्कूल में बैठने की तो जरूरत पड़ने पर स्कूल जाना पड़ सकता है वरना अधिकारी भी इस बात का संकेत दे रहे हैं कि ऐसे कोई आदेश नहीं कि स्कूल समय पर स्कूल जाकर बैठा जाए। जरूरत इस बात की है कि पंचायत चुनाव के लिए मिलने वाले निर्देशों का पालन समय पर हो।