देश में खुदरा महंगाई दर में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। जनवरी 2022 में ये 6.1% पर पहुंच गई, जो पिछले 7 महीनों में सबसे ज्यादा है। नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) ने 14 जनवरी को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़े जारी किए हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने में 5.66% थी। इस बीच, खाद्य मुद्रास्फीति भी जनवरी में बढ़कर 5.43% हो गई, जो दिसंबर में 4.05% थी। समीक्षाधीन महीने में तेल और फैट सेगमेंट में मुद्रास्फीति बढ़कर 18.7% हो गई है, जबकि ईंधन और लाइट कैटेगिरी (fuel and light category) में मूल्य वृद्धि जनवरी में 9.32% पर बनी रही।वहीं, खाद्य और पेय पदार्थ सेगमेंट में मूल्य वृद्धि की दर भी जनवरी में 5.58% रही है।
आपको बता दें कि RBI की मौद्रिक नीति के मुताबिक वार्षिक मुद्रास्फीति को 31 मार्च, 2026 तक 4% पर बनाए रखने का प्रयास किया जाना है। वहीं 2% की सहनशीलता की गुंजाइश के साथ इसे अधिकतम 6% पर बनाये रखना था। लेकिन जनवरी में ये RBI की अधिकतम तय सीमा यानी 6% से भी ऊपर चली गई है।
वैसे RBI के मुताबिक, जनवरी 2022 में महंगाई के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक ही रहे हैं। इससे पहले सोमवार की सुबह ही रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस बार महंगाई दर 6% रह सकती है, और इसकी वजह बेस इफेक्ट है। इससे पहले, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे पर कहा था कि केंद्रीय बैंक अपने inflation mandate के लिए प्रतिबद्ध है और जनवरी की मुद्रास्फीति में अपने लक्ष्य बैंड के ऊपरी छोर की ओर बढ़ने से भी कोई घबराहट पैदा नहीं होनी चाहिए।