नई दिल्ली: बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया। इस घटना से चीन और पाकिस्तान के बीच अविश्वास बढ़ सकता है। चीन, बलूचिस्तान में अपने भारी निवेश को लेकर चिंतित है। वहीं बीएलए बलूचिस्तान के संसाधनों के दोहन के खिलाफ लड़ रही है। वे सीपीईसी में चीनी निवेश को इसी दोहन का हिस्सा मानते हैं। इसलिए वे चीनी नागरिकों और प्रोजेक्ट को निशाना बना रहे हैं।
बलूचिस्तान में बिगड़ते हालात पर चीनी अधिकारी जता रहे चिंता
बलूचिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चीनी अधिकारी लगातार चिंता जता रहे हैं। पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में शामिल चीनी कर्मियों की सुरक्षा के लिए 15,000 जवानों वाली स्पेशल सिक्योरिटी डिवीजन (SSD) तैनात की है। इसके बावजूद चीन को इस अशांत प्रांत में सुरक्षा सुनिश्चित करने की पाकिस्तान की क्षमता पर संदेह गहराता जा रहा है। जाफर एक्सप्रेस हाईजैक से यह अविश्वास और बढ़ेगा।
बीएलए चीनी निवेश का कर रहे विरोध
2017 में चीन ने पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा फर्मों के साथ संयुक्त सुरक्षा उपक्रम स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन पाकिस्तान ने संप्रभुता और द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभावों का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। बीएलए और अन्य विद्रोही समूह चीनी निवेश को बलूच लोगों पर पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न में भागीदारी के रूप में देखते हैं। अगस्त 2023 में हुए एक बड़े हमले सहित सीपीईसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर बीएलए के लगातार हमले इस विरोध को बताते हैं।