चलिए एक खबर आपको ऐसी दिखाते हैं जिसे सुनकर और देख कर आपको भी कुछ अटपटा सा लगे। शासन में सेवाएं देने नुमाइंदे कई बार ऐसे फैसले लेते हैं जिस कारण वे खुद ही अपने दिए गए आदेशों में फंसते दिखाई देते हैं, और उनके यह आदेश उनके लिए कई बार परेशानी का कारण बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ आदेश जिला मुख्यालय में अधिकारियों ने दिया जिसकी चर्चा इन दिनों बड़ी सुर्खियों में बनी हुई है।
चलिए हम और अधिक पहेलियां नहीं बुझाते सीधे मुद्दे की बात पर आते हैं। दरअसल जिला अस्पताल के सामने बीते कुछ महीने पहले ही आयुष विभाग का एक नया नवेला भवन बना। जिसे पाकर आयुष विभाग के अधिकारी बहुत अधिक खुश दिखाई दे रहे थे।
लेकिन उन्हें पता नही था कि उनका यह सरकारी भवन उनके लिए आगामी दिनों में परेशानी का कारण बन सकता है। यह परेशानी और कुछ नहीं जिले के आला अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश है। दरअसल इस आयुष कार्यालय के गेट पर नगर पालिका द्वारा एक सुलभ शौचालय बनाया जा रहा है।
यह बात सुनकर आपको भी थोड़ा अटपटा लगा होगा कि कैसे किसी शासकीय कार्यालय के गेट पर नगर पालिका द्वारा सुलभ शौचालय बनाया जा सकता है दरअसल आयुष विभाग के भीतर प्रवेश करने और सुलभ शौचालय जाने का रास्ता एक ही गेट से होकर जाएगा। अब बड़ी परेशानी यह है कि सुलभ शौचालय सुबह 6 बजे से खुल जाएगा ऐसे में आयुष विभाग का गेट भी सुबह 6 बजे खोलना पड़ेगा इस बीच रात 10 बजे तक सुलभ शौचालय खुला रहेगा। इसलिए आयुष विभाग का गेट भी रात तक खुले रखना पड़ेगा। ऐसे में आयुष विभाग के कार्यालय की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो जाएंगे।
इस विषय पर जब नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह काम बीते 2 साल से स्वीकृत हुआ था, राशि नहीं आने की वजह से एक निर्माण कार्य नहीं हो सका अब राशि आ गई है इसी निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।इस विषय पर जब हमने आयुष विभाग के जिला अधिकारी डॉ शिवराम साकेत से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यह भूमि उन्हें वर्ष 2016 में आवंटित की गई थी। जिसके लिए शासकीय विभाग की सभी अनुमति और सभी प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई। कार्यालय बनने के बाद नगर पालिका द्वारा उनके गेट के भीतर सुलभ शौचालय बना रहा है। जिस कारण भविष्य में इस भाग को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा इसलिए इस विषय पर उनके द्वारा कलेक्टर दीपक आर्य से चर्चा की जाएगी।