गुजरात के मोरबी सहित अन्य राज्यों में हुए दर्दनाक पुल हादसे के बाद वर्षों पुराने फूलों का सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है। जिसमें वर्षों पुराने पुल की वर्तमान स्थिति, उसकी आयु और उसकी भार क्षमता सहित अन्य पैमानों का आकलन किया जा रहा है। जहां बालाघाट जिले में पहली बार एमपीआरडीसी के आग्रह पर दिल्ली से बालाघाट पहुंची जेएसके कंपनी की टीम ने बालाघाट_ गर्रा मार्ग स्थित वैनगंगा नदी पर बने करीब 43 वर्षीय वेनगंगा उड़ान पुल, वारासिवनी_ मेहंदीवाड़ा के बीच चंदन नदी पर वर्षों पूर्व बनाए गए उड़ान पुल और बैहर तहसील स्थिति मुक्की के पास बनिया नदी पर वर्षों पूर्व बनाया गया पुल का गुरुवार को सर्वे किया। इस सर्वे में कंपनी के इंजीनियरों ने पुल की लंबाई, चौड़ाई, भार की क्षमता, पुल की वर्तमान स्थिति, मरम्मत का प्रतिशत, उनकी ऊंचाई सहित अन्य पैमानो के आधार पर इन पुलों जाँच की। बताया जा रहा है कि वैनगंगा नदी, चंदन नदी और बनिया नदी के पुलो की जांच कर दिल्ली से आई है टीम वापस दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी है। जो 15 से 20 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रेषित करेगी । जहां जांच रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के सर्वे में पाई जाने वाली खामियों को दूर करने का काम जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभाग के माध्यम से कराया जाएगा।आपको बताएं कि बालाघाट जिले में आज तक वर्षों पुराने इस तरह के पुलों का सर्वे नहीं किया गया है, बल्कि पुल निर्माण के कई वर्ष बाद पहली बार जिले में पुलों का सर्वे कार्य कराया गया है।