जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसील व ग्रामीण अंचलों में बुधवार को हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा धूमधाम के साथ नंदलाला का जन्मोत्सव मनाया गया। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों सहित घर-घर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर नगर बाजार पूरी तरह से गुलज़ार रहा.जहां कृष्ण जन्मोत्सव पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर विधि-विधान के साथ नंदलाल की विशेष पूजा अर्चना की गई।प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नगर मुख्यालय सहित पूरे जिले का माहौल भक्तिमय नजर आया।आपको बताए कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
घर घर विराजित की गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा
उधर कृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भक्तों द्वारा घर-घर में विराजित की गई।जहा भक्तों द्वारा सहपरिवार विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिश्री व लाई चना का भोग लगाया गया व आरती कर उपस्थितजनों को प्रसाद का वितरण किया गया। वही आज गोपाल मंडलियों व युवाओ की टोलियो द्वारा जगह-जगह मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।वही प्रतिमाओं का विसर्जन कर कृष्ण जन्माष्टमी का समापन किया जाएगा।
बाजार रहे गुलजार
कृष्णा जन्माष्टमी पर्व को लेकर बाजारों में दिन भर लोगों की चहल-पहल लगी रही। बाजारों में पूजन सामग्री, भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा ,पोस्टर, मोर पंख, लाई चना व फलों की दुकानें जगह-जगह सजी रही। शहर सहित ग्रामीण अंचलों में स्थित मूर्तिकारों द्वारा भी भगवान श्रीकृष्ण, राधा रूकमणी की एक से बढ़कर एक अलग-अलग कलर डिजाइन की मनमोहक प्रतिमा बनाकर विक्रय करने तैयार की गई है। बाजारों व प्रमुख चौक चौराहों में श्री कृष्ण की प्रतिमा विक्रय के लिये रखी गई थी। सुबह से ही मूर्तिकारों के घर व दुकानों में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा खरीदी करने लोगों की आवा-जाही प्रारंभ हो गई जो देर शाम तक चलते रही। जहा भक्तो ने एक से बढ़कर एक मनमोहन व आकर्षक प्रतिमाए खरीदकर, घरोन घर प्रतिमाओं की स्थापना की।वही देर शाम से ही जगह जगह पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया।जो रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव के बाद तक चलता रहा।
गोंविदा की टीम, आज जगह-जगह फोड़ेगी मटकी
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शहर मुख्यालय में जगह-जगह मटकी फोड़ का आयोजन किया गया है। जय-जवान जय किसान समिति के गोंविदा की टीम मंगलवार की दोपहर करीब 1 बजे शहर में मटकी फोडऩे डीजे की धुनों के साथ निकलेगी। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर विभिन्न समितियों द्वारा बांधी गई दही हांडी को गोंविदा आला रे कहकर कन्हैयाओं द्वारा मटकी तोड़ी जाएगी। जिसको को लेकर व्यापक तैयारियां कर ली गई है।
कृष्ण मंदिर में 1921से चली आ रही परम्परा के अनुसार मनाया गया जन्मोत्सव
वही कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर नगर के वार्ड नंबर 16 स्थित जिले के एकमात्र कृष्ण मंदिर में प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए. जहां वर्ष 1921 से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन संपन्न कराए गए.जहा भगवान श्री कृष्ण की आरती, पंचामृत से अभिषेक, बड़े भगवान, छोटे भगवान और लड्डू गोपाल का श्रृंगार, वैदिक मंत्रोच्चारण, गोपाल सहस्त्रनाम, भगवान गणेश जी का अर्थ अभिषेक, किया गया तो वही रात्रि 8.30 बजे तक भक्तों के लिए भगवान के दर्शन, जिसके तुरंत बाद पुनः भगवान का श्रृंगार, वही रात्रि में भजन मंडली द्वारा सुंदर पाठ का आयोजन किया गया, जिसके तुरंत बाद रात्रि 10 बजे से 12 बजे तक भजन कीर्तन, हनुमान चालीसा, श्री कृष्ण भजनो की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। तो वही रात्रि 12 बजे महा आरती के साथ भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम के बाद मंदिर के सामने बंधी मटकी को जय जवान जय किसान टोली द्वारा तोड़ा गया।