20 जून 2018 को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में प्रसव के लिए भर्ती कराई गई एक प्रसूता के इलाज में लापरवाही बरतने और मृत शिशु के जन्म लेने वाले मामले में मानव अधिकार आयोग ने ट्रामा सेंटर की एक महिला चिकित्सक को दोषी पाते हुए उससे 30 हजार रु का दंड वसूलने की अनुशंसा की है।
वही अपनी अनुशंसा को लेकर मुख्य स्वास्थ्य सचिव को एक पत्र लिखा है जिसमें मानव अधिकार आयोग ने इलाज में लापरवाही बरतने वाली महिला चिकित्सक से 30 हजार रु वसूल कर नैतरा निवासी पीड़िता ज्योति लिल्हारे को राशि का भुगतान करने की अनुशंसा की है
बताया जा रहा है कि इस मामले में जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ रश्मि वाघमारे को दोषी पाया गया था जिस पर मानव अधिकार आयोग ने डॉ रश्मि वाघमारे से 30 हजार रु की प्रतिकार राशि वसूल कर पीड़िता ज्योति लिल्हारे को दिए जाने की अनुशंसा की है।
इस पूरे मामले के संदर्भ में दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान मानव अधिकार आयोग मित्र फिरोजा खान ने बताया कि इस तरह की लापरवाही अक्सर जिला अस्पताल में देखने को मिलती है उच्च अधिकारियों ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए वहीं चिकित्सकों ने भी ऐसे मामलों में गंभीरता दिखानी चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए।