बांस और जलाऊ लकड़ी के परिवहन के लिए निविदा हेतु मंगलवार को वन विभाग द्वारा टेंडर की प्रक्रिया की गई, जिसमें बाहर के ठेकेदारों के टेंडर फार्म को निर्धारित समय के बाद वन विभाग के सरकारी अधिकारी कर्मचारियों द्वारा शामिल किये जाने को लेकर ठेकेदार आक्रोशित हुए और विवाद की स्थिति निर्मित हुई।
यहां तक की मोटर ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवेंद्र परिहार और सीसीएफ नरेंद्र सनोडिया के बीच हाट टाक भी हुई। परिवहन ठेकेदारों का कहना था कि बाहर के ठेकेदारों के जो टेंडर फार्म डाले जा रहे हैं वह निर्धारित समय के बाद शामिल किए गए हैं जो कि नियम विरुद्ध है उन टेंडर फर्मो को निविदा प्रक्रिया में शामिल न किया जाये। इस पर सीसएफ सहमत नहीं हुए और बाहर से आये टेंडर फार्म को भी शामिल किए जाने की बात कही गई, जिससे आक्रोशित होकर जिले के समस्त ठेकेदारो द्वारा बहिष्कार करते हुए टेंडर खोले जाने के दौरान कक्ष से बाहर ही रहे।
आपको बताये कि टेंडर डाले जाने की प्रक्रिया नगर के काली पाठ मंदिर के पीछे स्थित उत्तर उत्पादन वनमंडल के कार्यालय में की जा रही थी, जिसके चलते सुबह 11:00 बजे से ठेकेदार वहां पहुंच गए थे और टेंडर डालने की प्रक्रिया की गई। ठेकेदारों का कहना है कि वे लोग दोपहर 2:00 बजे तक रहे तब तक बाहर का कोई ठेकेदार टेंडर फॉर्म जमा करने नहीं पहुंचा। टेंडर डालने का निर्धारित समय दोपहर 2:00 बजे तक ही था लेकिन दोपहर 2:10 पर वन विभाग के अधिकारी बाहर के ठेकेदारों के टेंडर फार्म को लेकर पहुंचे और निविदा पेटी में डाला जाने लगा। यह देखकर ठेकेदारों द्वारा इस पर आपत्ति जताई गई और बाहर के टेंडर फॉर्म को निर्धारित समय समाप्त हो जाने के कारण उन फार्मो को निविदा पेटी में नहीं डालने के लिए कहा गया, जिस पर वहां मौजूद अधिकारी सहमत हूये और बाहर के फार्म को नहीं डाला गया।