डायरेक्‍टर लक्ष्मण उतेकर ने बताया- फिल्म में मेन लीड की डिलीवरी का सीन सात मिनट लंबा, मंडावा के सरकारी हॉस्पिटल में हुई शूटिंग

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एक्ट्रेस कृति सैनन की अपक‍मिंग फिल्‍म ‘मिमी’ मदरहुड को समर्पित है। फिल्‍म में मेन लीड की डिलीवरी का सीन फिल्‍म में सात मिनट लंबा रखा गया है। अमूमन फिल्‍मों में वैसे सीन की लंबाई चंद सेकेंडों की रहती है। यहां कृति सैनन, निर्देशक लक्ष्मण उतेकर और निर्माता दिनेश विजान ने डिलीवरी के सीन को फिल्‍म में सबसे ज्‍यादा जगह प्रदान करने का फैसला किया है। इससे पहले आमिर खान की ‘3 इडियट्स’ में मोना सिंह के किरदार की डिलीवरी का सीन विस्‍तार से फिल्‍म में रखा गया था।

फिल्म में डिलीवरी सीन को गहराई से दिखाया गया है

डायरेक्‍टर लक्ष्मण उतेकर ने उस सीन की मेकिंग शेयर की और बताया, “हमने वह सीन मंडावा के सरकारी अस्‍पताल के असली के लेबर रूम में शूट किया। डिलीवरी सीन को गहराई से करने के पीछे हमारा आइडिया था कि फिल्‍मों में प्रेग्नेंसी सीन को बहुत सतही तौर पर दिखाया जाए। मुझे ये बात समझ में नहीं आती कि बच्‍चे को जन्‍म देना दुनिया का सबसे कठिन काम है और उस कठिन काम को ही हम बड़ी आसानी से दिखा जाते हैं। ऐसा क्‍यों होता है इसलिए हमने अपनी फिल्‍म में इस सीन को पूरी रेस्‍पेक्‍ट और स्‍पेस दी है। ताकि मर्दवादी मानसिकता वाले लोग उस सीन को देखें तो औरतों के प्रति उनके मन में सम्‍मान की भावना और बढ़े। यह सीन हमने एक पूरी रात में शूट किया।”

मिमी के किरदार को पूरी तरह जस्टिफाई करेंगी कृति सैनन- लक्ष्‍मण उतेकर

लक्ष्‍मण उतेकर ने स्‍पष्‍ट किया, ” ‘मिमी’ सिर्फ कृति सैनन के कंधों पर नहीं है। यह पंकज त्रिपाठी, सुप्रिया पाठक, मनोज पाहवा सभी किरदारों के कंधे पर है। कृति सैनन को फिल्‍म में इसलिए लिया गया कि हम इससे पहले ‘लुकाछिपी’ पर साथ काम कर चुके थे। ऐसे में, मुझे उनकी ताकत और कम‍जोरियों का आभास था। हमें यकीन था कि वो मिमी के किरदार को पूरी तरह जस्टिफाई करेंगी।”

‘मला आय व्‍हायचय’ से इस फिल्म का आइडिया लिया गया है

लक्ष्‍मण ने आगे कहा, “मूल फिल्‍म ‘मला आय व्‍हायचय’ तो 12 साल पहले बनी थी। उससे बस आइडिया भर लिया गया। ‘मिमी’ को आज की तारीख में सेट किया गया है। मूल फिल्‍म महाराष्‍ट्र में सेट थी। ‘मिमी’ का बैकड्रॉप राजस्‍थान का है। मौजूदा दौर के इनपुट इसमें जोड़े गए हैं। वह इसलिए कि अमूमन हर तीन साल पर ऑडिएंस बदल रही है। ‘मिमी’ को आज की ऑडिएंस को पसंद आने वाले फ्लेवर के तौर पर पैकेज किया गया है।”

मुंबई में शाम चार से पांच बजे तक ही शूट की इजाजत है

लक्ष्मण फिल्‍मों की शूट पर कोविड के असर को भी जाहिर करते हुए कहते हैं, “मेंटली कलाकारों के जहन में कहीं न कहीं कोविड का डर तो जरूर रहता है। ऐसे में वो डर थोड़ा बहुत तो कैमरे के सामने दिखता ही है। उसका असर एक हद तक डायलॉग डिलीवरी में दिखता है। सेट पर आने के बाद जहां पहले लोग झट अपने-अपने डायलॉग रटने में लग जाते थे, अब उन्हें पहले कोविड टेस्‍ट, सैनिटायजेशन से गुजरना पड़ता है। अभी मुंबई में शाम चार से पांच बजे तक ही शूट की इजाजत है। ऐसे में, मेकर्स पर डेडलाइन का प्रेशर बढ़ा है। उससे भी कई बार काम की क्‍वॉलिटी अफेक्‍ट होती है।”

फिल्म का गाना फर्स्‍ट लॉकडाउन के हटते ही शूट कर लिया गया था

‘मिमी’ वैसे तो लॉकडाउन से पहले ही शूट हो गई थी। बस इसका गाना ‘परमसुंदरी’ फर्स्‍ट लॉकडाउन के हटने पर शूट कर लिया गया। वह भी कोविड के डर से स्‍टूडियो की चारदीवारी में ही शूट हुआ, बल्‍क‍ि आउटडोर में नहीं। लक्ष्‍मण के मुताबिक, “चूंकि हमने पूरी फिल्‍म की शूटिंग राजस्‍थान में ही शूट की थी। ऐसे में हमें ऐसा लोकेशन चाहिए था, जो राजस्‍थान की फील दे सके। वह हमें मुंबई से तीन घंटे की दूरी पर कर्जत के पास एक पैलेस पर मिला। उस पैलेस की बनावट राजस्‍थान में पाए जाने वाले महलों से मिलती जुलती थी। इस तरह यह गाना बाकी पूरी फिल्‍म के बैकड्रॉप में मर्ज हो गया। लोगों को नहीं लगेगा कि पूरी फिल्‍म राजस्‍थान में शूट हुई है, पर यह गाना मुंबई के आसपास फिल्‍माया गया हुआ लग रहा है।”

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