कार्यालय डिस्टिक कमांडेंट होमगार्ड जिला कार्यालय में इन दिनों जितने होमगार्ड बल होना चाहिए उतना बल नहीं है महज 137 होमगार्ड सैनिकों के भरोसे ही जिला चल रहा है जबकि एसडीआरएफ के महज 13 जवान है भले ही संसाधन शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में दे दिए गए हैं किंतु अभी भी लगभग 150 से 200 जवान की जिले में आवश्यकता है
आपको बता दें कि इन दिनों चल रहे बरसाती मौसम में जिले में बाढ़ जैसी स्थिति कहीं पर भी बन जाती है जिसके निपटने के लिए भले ही डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय द्वारा 137 होमगार्ड सैनिकों एवं कुछ एसडीआरएफ के जवानों के द्वारा जिले में व्यवस्था बाढ़ से निपटने के लिए कर दी गई है किंतु जब हमारे द्वारा डिस्ट्रिक्ट कमांडेड अधिकारी रजनी खटीक से अनौपचारिक चर्चा के दौरान पूछा गया कि वर्तमान समय में डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय में बल की क्या स्थिति है तो उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में होमगार्ड सैनिक 335 होना चाहिए पर अभी 137 ही होमगार्ड सैनिक है वही एसडीआरएफ के जवानों की बात करें तो महज 13 एसडीआरएफ की जवान ही है जबकि उन्हें शासन को और अधिक बल के लिए पत्राचार किया भी गया है एवं प्रदेश के मुखिया द्वारा अपने एक कार्यक्रम में एसडीआरएफ के लगभग 700 पदों के लिए प्रदेश में भर्ती होने की भी बात कही गई है जिसके बाद निश्चित ही जिले में बल होमगार्ड कार्यालय में बढ़ेगा किंतु अभी जिस प्रकार के हालात है उसे देखते हुए उनके द्वारा अति संवेदनशील बाढ़ क्षेत्र के कुछ डी.आर.सी सेंटर बनाए गए हैं जिसमें लालबर्रा, किरनापुर , लांजी, बैहर एवं कटंगी में उनके द्वारा कुछ जवानों को तैनात किए गए हैं जो कि एसडीएम एवं तहसीलदार के निर्देशों के तहत काम करेंगे एवं कुछ पुलिस थानों में भी इन बाढ़ से बचाव हेतु कुछ सैनिक को रखा गया है एवं बाकी बचे हुए बल से वह डिस्ट्रिक्ट कार्यालय में शहर की व्यवस्था बनाएंगे एवं यदि जहां आवश्यकता होगी उसके लिए वह मुख्यालय स्थित बल को बुलवा कर भी उनकी मदद लेकर शहर में यदि कहीं भी बाढ़ जैसे हालात बनते हैं तो उसके लिए बचाव कार्य किए जाएंगे किंतु अभी वर्तमान समय में जिले में कहीं भी बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न नहीं हुए हैं एवं उनके विभाग द्वारा मौजूदा हालात को देखते हुए सारी तैयारियां पहले ही कर ली गई हैं और यदि कहीं कोई स्थिति बनती है तो वहां उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं