केंद्र सरकार की तरफ से डीपफेक वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। मतलब अगर आप बिना किसी की इजाजत के उसका डीपफेक वीडियो बनाते हैं, तो आपको जेल तक जाना पड़ सकता है, क्योंकि डीपफेक वीडियो बनाने को लेकर केंद्र सरकार नया नियम ला रही है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेंशन मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में टॉप सोशल मीडिया कंपनी के साथ मीटिंग की थी, जिसके बाद डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है।
डीपफेक वीडियो पर सरकार की सख्ती
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर डीपफेक वीडियो बनाते हैं, तो उसे आईटी रूल का उल्लंघन माना जाएगा। सरकार की तरफ से ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अगर उसकी तरफ से डीपफेक वीडियो बनाने वाले के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाता है। उन्होंने साफ किया कि वो डीपफेक वीडियो के खिलाफ जीरो टॉलरेंट पॉलिसी अपनाने जा रहे हैं।
क्या है डीपफेक
डीपफेक एक टेक्नोलॉजी है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी रियल व्यक्ति का फर्जी वीडियो का फिर ऑडियो बनाते हैं। इमसें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दोनों टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है।
क्यों पड़ी एक्शन की जरूरत?
अब सवाल उठता है कि आखिर डीपफेक के खिलाफ एक्शन की जरूरत क्यों पड़ी, तो बता दें कि डीपफेक के जरिए बॉलिवुड़, हॉलिवुड, क्रिकेटर और राजनेता के डीपफेक वीडियो बनाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से सरकार को डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्ती अपनाई गई है।