तिथि क्षय से इस बार आठ दिन होगी देवी आराधना, बन रहा ‘गुरु’ का विशेष संयोग, जानिए क्‍या-क्‍या शुभ मुहूर्त

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शारदेय नवरात्रि इस साल गुरुवार से प्रारंभ होकर गुरुवार को पूर्ण होगी। एक तिथि क्षय होने से नवरात्रि आठ दिन की रहेगी और इसी से यह योग बन रहा है। नवरात्रि 7 अक्टूबर गुरुवार को आश्विन शुक्ल पक्ष एकम से प्रारंभ होगी और दुर्गा महानवमीं 14 अक्टूबर गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। वहीं 15 अक्टूबर को बुुराई पर अच्‍छाई की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाएगा। शहर के बिट्टन, नेहरू नगर, अयोध्या बायपास, भेल दशहरा मैदान सहित अन्य स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि गुरु ज्ञान व बुद्धि के देवता हैं। देवताओं के भी गुरु हैं। ऐसे में गुरुवार को नवरात्रि का प्रारंभ होना शुभ फल प्रदान करने वाला होगा। गुरुवार को ही नवरात्रि पूर्ण होगी। ऐसा संयोग कम बनता है। इन दिनों में वस्त्र, आभूषण, वाहन खरीदना और गृह प्रवेश करना शुभ माना जाता है। यूं तो आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का प्रारंभ छह अक्टूबर बुधवार शाम 4:34 बजे से हो जाएगा। यह तिथि दूसरे दिन गुरुवार को दोपहर 1:46 बजे तक रहेगी। अत: उदया तिथि सात अक्टूबर गुरुवार के दिन होने के कारण शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ गुरुवार से ही माना जाएगा। इसी दिन सुबह घटस्थापन कर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाएगी। तृतीया तिथि एवं चतुर्थी शनिवार के दिन होने के कारण चतुर्थी तिथि का क्षय हो गया है। जिससे नवरात्र आठ दिन की मनाई जाएगी एवं चंद्रघंटा एवं कुष्मांडा की आराधना एक ही दिन शनिवार को की जाएगी।

सात अक्टूबर को सुबह 4:40 बजे से 16:59 बजे तक भद्र नाम पंच महापुरुष योग की भी निष्पत्ति हो रही है। इस समय घट स्थापना या माता की आराधना करना व्यापार एवं शिक्षा में पूर्ण सफलता प्राप्ति के लिए शुभ रहेगा। इसके तुरंत बाद ही सुबह सात बजे से 9:17 बजे तक तुला लग्न में शश नामक पंच महापुरुष महायोग भी बन रहा है।

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