दतिया के कोतवाली थाना प्रभारी (टीआइ) का मोबाइल ग्वालियर के कंपू थाना क्षेत्र में लूट लिया गया। इसी कड़ी में उन्हें ही एसपी ने निलंबित कर दिया है। दरअसल, निलंबित टीआइ रत्नेश यादव घटना के बाद कंपू थाने में बिना मुकदमा दर्ज कराए आरोपित को दतिया ले आए और कोतवाली थाने में आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। इसे लेकर ग्वालियर के आरटीआइ एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने डीजीपी को ट्वीट किया था। वहीं आरोपित ने भी एसपी को शिकायत भेजी थी। ग्वालियर एसपी ने भी कंपू थाना टीआइ को लाइन अटैच कर दिया है।
दतिया के थाना कोतवाली टीआइ रत्नेश यादव 15-16 जनवरी की दरम्यानी रात ग्वालियर गए थे। वहां कंपू थाना क्षेत्र में विवाद के दौरान उनसे एक युवक ने मोबाइल छीन लिया। उन्होंने ग्वालियर थाने पर सूचना दी। जब आरोपित को पकड़ लिया गया तो यादव उसे अपनी सुपुर्दगी में दतिया ले आए और उसके खिलाफ 25 आर्म्स एक्ट का प्रकरण बनाकर जेल भेज दिया।
इस मामले में आरटीआइ एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने ट्वीट किया व आवेदन कर वरिष्ट अधिकारियों के संज्ञान में मामला लाए कि आरोपित शुभम भार्गव निवासी गुड़ा गुड़ी का नाका ग्वालियर पर दतिया में गलत तरीके से मुकदमा कर जेल भेजा गया है। कंपू थाने में भी आरोपित की सुपुर्दगी कोतवाली टीआई रत्नेश यादव के नाम पर डाली गई थी। वहां कोई प्रकरण दर्ज नहीं था।
ऐसी स्थिति में एक ही आरोपित पर दो केस कैसे दर्ज हो सकते हैं? दूसरा मामला यह था कि टीआइ यादव ने बिना बताए दतिया मुख्यालय छोड़ा था। पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ का कहना है कि यादव ने जो कृत्य किया, वह गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। एक आरोपित दो अलग-अलग केस में कैसे वांछित हो सकता है। फिर टीआइ ने बिना बताए मुख्यालय भी छोड़ा था। इस कारण उन्हें निलंबित किया गया है। ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने भी इस मामले में कम्पू थाना प्रभारी अनीता मिश्रा को लाइन अटैच कर दिया।