मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालयीन भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगों को छह फीसद आरक्षण न दिए जाने के मामले में डॉ.बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस व यूजीसी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
आरक्षण का प्रविधान नहीं किया : याचिकाकर्ता धार निवासी डॉ.धर्मेंद्र शर्मा की ओर से अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि डॉ.बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस, महू ने यूजीसी के बार-बार दिशा-निर्देश जारी किए जाने के बावजूद दिव्यांगों के लिए छह फीसद आरक्षण का प्रविधान नहीं किया। इस आशय की जानकारी वेबसाइट के जरिये डिस्प्ले भी नहीं की गई। 23 मार्च, 2021 को डॉ.बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस भर्ती का विज्ञापन निकाला। इसमें दिव्यांगों के लिए एक भी सीट रिजर्व नहीं की गई थी। जबकि 2016 में आए दिव्यांग आरक्षण अधिनियम के तहत छह फीसद आरक्षण आवश्यक है। डॉ. बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस 2016 में अस्तित्व में आई। तब से लेकर अब तक आरक्षण रोस्टर नदारद है। अपैक्स बॉडी यूजीसी के दिशा-निर्देश के बावजूद इस दिशा में गंभीरता नहीं बरती गई। राज्य शासन ने 2016 के अधिनियम के प्रकाश में 2017 में दिव्यांग आरक्षण के नियम भी बना दिए।