शहर में सुचारू और स्मूथ आवागमन के लिए ट्रैफिक विभाग, नगर पालिका और पीडब्ल्यूडी के संयुक्त प्रयासों से रोड किनारे साइन बोर्ड लगाए जाते हैैं। ताकि शहर में बाहर से आने वाले लोगों को एड्रेस पर पहुंचने के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े और लोग आसानी से उस एड्रेस पर जाएं लेकिन बात अगर बालाघाट की करे तो बालाघाट नगर में साइन बोर्ड जैसी कोई भी व्यवस्था नजर नहीं आती ।जिसके चलते बाहर से आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार बाहर से आने वाले यात्री किसी मार्ग का एड्रेस पूछते पूछते परेशान हो जाते हैं तो कई बार उन्हें उनके एड्रेस पर पहुंचने के लिए स्वयं जिस एड्रेस पर पहुंचना है उस एड्रेस के लोगों को बस स्टैंड बुलाना पड़ता है। वर्षों से साइन बोर्ड की समस्या नगर में बनी हुई है लेकिन इस पर अब तक संबंधित विभाग का कोई ध्यान नहीं है। जहां शहर की गलियों और बाजारों सहित प्रमुख मार्ग में साइन बोर्ड लगाना तो दूर की बात अब तक नगर के मुख्य रास्तों और चौक चौराहों पर तक साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है। जिसके चलते जहां एक ओर बाहर से आने वाले राहगीर परेशान होते हैं तो वहीं दूसरी ओर बाहर राज्यों या शहरों से आने वाले वाहन चालकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वे कई बार राह भटक जाते हैं। तो कई बार उन्हें दुकानदारों से किसी मार्ग का पता पूछना पड़ता है। रात के समय नगर पहुंचने वाले यात्रियों और बाहर से आने वाले वाहन चालकों को दुकान बंद हो जाने के चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।जिस से निजात दिलाए जाने की मांग शहर वासियों द्वारा की गई जिन्होंने नगर के बस स्टैंड सहित नगर के प्रमुख चौक चौराहों विभिन्न मार्गों बाजारो आदि के लिए सांकेतिक बोर्ड लगाए जाने की मांग की है।
बाहर से आने वाले वाहन चालकों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
नगर में सांकेतिक बोर्ड ना लगे होने के चलते बाहर राज्यों या शहरों से आने वाले वाहन चालकों को शहर में वाहन चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि नगर में जगह-जगह साइन बोर्ड लगे होंगे तो स्कूल से निकलने वाले बच्चों, अस्पताल जाने वाले पेशेंट, तीब्र व अंधा मोड़ आदि के प्रति वाहन चालक सतर्क हो जाएं और रफ्तार धीमी कर लें। जिससे स्वयं वाहन चालक और अस्पताल-स्कूल से निकलने वाले पेशेंट और बच्चे घायल न हो सके। लेकिन नगर में संबधित विभागों की लापरवाही के चलते बहुत ही कम संवेदनशील स्थानों पर बोर्ड लगा है। इससे शहर में हादसे हो रहे हैैं।
यहां नहीं दिखता है साइन बोर्ड
शहर के अतिव्यस्तम स्थानों में बस स्टैंड, आंबेडकर चौक , जय स्तंभ चौक , बैहर रोड, अस्पताल चौक, रानी अवंती बाई चौक, मेन मार्केट, हनुमान चौक, बाजार रोड़, काली पुतली चौक, रानी अवंती बाई चौक, भूरा भगत चौक, मोती तालाब चौक, सरेखा चौक सहित ऐसे दर्जन भर से अधिक स्थान है जहां से एक साथ कई मार्ग शुरू होते हैं। लेकिन उन चौक चौराहों व मुख्य मार्गों में अब तक साइन बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। जिसके चलते आम लोगों सहित यात्रियों और बाहर से आने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सांकेतिक बोर्ड ना होने से बढ़ रहे हादसे
शहर में पब्लिक प्लेसेज पर लगने वाले संकेतकों के नहीं होने से वाहन चालक हादसे के शिकार हो रहे हैैं और दूसरे को भी कर रहे हैैं। फिर भी इस घटना के प्रति जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जा रहा हैैं। इसमें सबसे संवेदनशील स्कूल और अस्पताल हैैं। कई स्टंटबाज, वाहन चालक बगैर किसी जागरूकता और जिम्मेदारी के चलते फर्राटा फरते हुए गुजरते हैैं। इससे कई बार हादसे भी हुए है.
कब जागेंगे जिम्मेदार
शहर की सड़कों पर साइन बोर्ड लगाने का काम पीडब्ल्यूडी, नगर पालिका व यातायात विभाग के संयुक्त प्रयासों से दिशा सूचक और स्थानों को इंगित करते हुए साइन बोर्ड लगाए जाते हैैं। लेकिन, इन विभागों की उपेक्षा और आलस से बालाघाट में सांकेतिक बोर्ड लगाने का प्रयास अब तक नहीं किया गया है जिसका खामियाजा किसी को जान देकर चुकाना पड़ रहा है तो कोई अपने एड्रेस पर पहुंचने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं। तो कोई दुकानदारों से एड्रेस पूछ पूछ कर परेशान होता नजर आ रहा है ।संबंधित विभागों को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए नगर के विभिन्न चौक चौराहों मार्गो आदि में सांकेतिक बोर्ड लगवाएं ताकि लोगों को परेशानी से बचाया जा सके ,वही सड़क दुर्घटना में भी कमी लाई जा सके।