अफ्रीका के मुस्लिम देश सूडान पर नियंत्रण के लिए दो गुटों के बीच संघर्ष चल रहा है। सूडान के अर्धसैनिक बल और सेना के बीच संघर्ष जारी है। मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कई घंटों के विराम के बाद फिर से राजधानी खार्तूम में संघर्ष शुरू हो गया है। सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच संघर्ष में अब तक 97 लोगों की मौत हो गई है। डॉक्टरों के एक समूह के मुताबिक यह अंतर्राष्ट्रीय चिंता की भी बात है, क्योंकि देश में संघर्ष है और पड़ोसी देश मिस्र और चाड ने अपनी सीमा बंद कर दी है।
विकास से जुड़ी क्षेत्रीय अंतर सरकारी प्राधिकरण (IGAD) ने सूडान पर एक आपातकालीन बैठक की। इसके साथ ही कहा कि वह केन्या, दक्षिण सूडान और जिबूती के राष्ट्रपतियों को जल्द से जल्द खार्तूम भेजने का प्लान बना रहे हैं, ताकि विरोधी समूहों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके। सूडान में हो रहे संघर्ष से लोकतंत्र बहाल करने की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। राजधानी खार्तूम , नजदीक के ओमदुरमन एवं अन्य स्थानों पर रविवार को भीषण लड़ाई जारी रही, जिसमें बख्तरबंद वाहनों, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। सेना और उसके पूर्व साझेदार तथा अब प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्स समूह (आरएसएफ) के बीच महीनों के तनाव के बाद संघर्ष हुआ है।
किस बात पर है बवाल
अब्दुल फतह अल बुरहान के नेतृत्व वाली सेना ने एक बयान में आरएसएफ के साथ बातचीत से इनकार करते हुए इसे भंग करने की बात कही है और इसे ‘बागी मिलिशिया’ करार दिया है। वहीं, अर्द्धसैनिक समूह ‘आरएसएफ’ ने सशस्त्र बलों के प्रमुख को ‘अपराधी’ बताया है। वर्ष 2021 में देश में तख्तापलट हुआ था और अब इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि दोनों के बीच संघर्ष जारी रह सकता है। जनरल मोहम्मद हमदान दागलो की अगुवाई वाले आरएसएफ का सशस्त्र बलों में एकीकरण को लेकर सहमति न बन पाने की वजह से यह तनाव उत्पन्न हुआ है।