चार दिन बाद छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा के गोरखधंधे में लिप्त 7 आरोपियों को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बूढ़ी के रामनगर से धरदबोचा है। इससे पहले दुर्ग पुलिस ने वारासिवनी से इसी मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन दोनों ही बार दुर्ग पुलिस ने लोकल पुलिस को बगैर कोई सूचना दिए कार्रवाई को अंजाम दिया। शुक्रवार को बूढ़ी में हुई दुर्ग पुलिस की इस कार्रवाई की भनक कोतवाली पुलिस और जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक को नहीं लगी। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय डावर ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान बताया कि शुक्रवार को हुई कार्यवाही की कोई जानकारी लोकल पुलिस को नहीं दी गई। हालांकि, इंटर स्टेट मामलों में दूसरे राज्य की पुलिस आमतौर पर लोकल पुलिस को कार्यवाही से जुड़ी जानकारी देती है।
मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग पुलिस ने 7 आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, 13 नग मोबाइल और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। बताया गया कि रामनगर में महादेव बुक एप के 223 नंबर ब्रांच का संचालन हो रहा था। इसमें विभिन्न बैंक खातों से सट्टे के पैसों का लेनदेन चल रहा था। यह कार्रवाई एंटी क्राइम, साइबर यूनिट और थाना भिलाई भट्टी की संयुक्त कार्रवाई है।
आपको बता दें कि दुर्ग में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप से सट्टे के संचालन की जानकारी मिलने पर दुर्ग के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और उप पुलिस अधीक्षक को आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। दुर्ग पुलिस को बूढ़ी रामनगर के एक मकान में दुर्ग-भिलाई और कुछ स्थानीय लोगों द्वारा महादेव एप से सट्टा संचालित करने की सूचना प्राप्त हुई थी।
दुर्ग पुलिस ने इस मामले में आरोपी अंकित पिता विजय मेश्राम उम्र-28 निवासी सुपेला भिलाई, आशीष पिता विजय मेश्राम उम्र-20 निवासी लांजी बालाघाट, शोभित उर्फ विक्की गुप्ता पिता राजू गुप्ता उम्र-26 निवासी सुपेला भिलाई, नरेंद्र सहारे पिता हेमराज सहारे उम्र-20 निवासी ग्राम सावरी लांजी बालाघाट, हर्ष सोनी पिता रामलाल सोनी उम्र-22 निवासी लांजी, ललित पटेल पिता नीला जी पटेल उम्र-24 ग्राम शेरपार वारासिवनी और कपिल पिता दुर्गा प्रसाद बिसई उम्र-24 निवासी शेरपार वारासिवनी को गिरफ्तार किया गया है।