नई ई-वाहन नीति आने के बाद दो सालों में दिल्ली में 62 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इन दो सालों में दिल्ली में वाहनों के कुल पंजीकरण में ई-वाहनों की भागीदारी 10 फीसदी तक पहुंच गई है। इन दो सालों के भीतर अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स गाड़ियों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले मार्च, 2022 में 10 फीसदी से बढ़कर 12.5 फीसदी तक पहुंच गई है।
दिल्ली सरकार इसको और तेजी के साथ बढ़ाने की रणनीति तैयार कर रही है।दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत के मुताबिक, ई-वाहन नीति से पहले दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार ई-रिक्शा द्वारा संचालित होता था। दिल्ली में कुल इेलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री में ई-रिक्शा का योगदान 85 फीसदी हुआ करता था। लेकिन, ई-वाहन नीति लागू होने के बाद पैटर्न बदला और लोग धीरे-धीरे चार पहिया, दुपहिया और तीन पहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी खरीद रहे हैं। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ की प्रोत्साहन राशि पेश की है, जो देश में किसी भी राज्य द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से सबसे अधिक है।
वर्ष 2022 में दिल्ली में ईवी की बिक्री प्रतिमाह कुल नई बिक्री का औसतन 10 फीसद के करीब रही है, जबकि मार्च 2022 में दिल्ली में ईवी की बिक्री में 12.5 फीसद की उच्च दर देखी गई है। यह 2019-20 के बाद एक तेज वृद्धि है, जबकि पहले कुल नए वाहन की बिक्री में ईवी का केवल 1.2 फीसद हिस्सेदारी थी। बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने दो साल पहले ई-वाहन नीति लेकर आई थी।दिल्ली सरकार के मुताबिक, इस पॉलिसी के लागू होने के बाद अब दिल्ली में बेहतर नतीजे देखे जा रहे हैं।