हर आम इंसान चाहता है कि उसे स्वास्थ सुविधा उसके ग्राम में, तहसील मुख्याल या जिला मुख्यालय में मिले मगर ऐसा हो नही पा रहा है। जिसके पीछे का कारण चिकित्सको की कमी से लगाया जा सकता है। आज हम स्वास्थ सेवा को बेहतर करने के कितने भी प्रयास करे मगर यह सेवाओं का लाभ आम जनमानस को नही मिल पा रहा है। जिसका जीता जागता एक उदाहरण वारासिवनी सिविल अस्पताल में दिखाई दे रहा है। जहा नेत्र परिक्षण के लिये आये हुये लोगो को चिकित्सक के अनुपस्थित होने के चलते बैरंग लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि आंख चिकित्सक ३ दिन अपनी सेवा वारासिवनी व ३ दिन रामपायली जिसमे खैरलांजी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र भी शमिल है इन स्थानों पर देते है।
ऑख का हुआ है ऑपरेशन = केशर बाई
पद्मेश को जानकारी देते हुये केशर बाई राहंगडाले ने बताया कि उनका हॉल ही में ऑख का आपरेशन हुआ है। वे सुबह से ही अपनी ऑख दिखाने के लिये आयी हुई थी। मगर डॉक्टर के न उपलब्ध होने के कारण उन्हे लौटना पड़ रहा है जबकि डॉक्टर ने उन्हे आज २९ मार्च को बुलाया था। ऐसे में उनकी दबाई भी खत्म हो चुकी है अब डॉक्टर की बगैर सलाह के वे किसी और से दवाई भी नही करवा सकती। जब उनसे पूछा गया तो उन्होने बताया कि हमे डॉक्टर साहब ने ही चेकअप के लिये बुलाया था ऐसा कई बार हो चुका है कि डॉक्टर साहब मौके पर मौजूद नही रहते।
स्वास्थ सेवा में अभी भी पिछड़ा हुआ है वारासिवनी – अब्दुल
वही पद्मेश को जानकारी देते हुये, अब्दुल बसीर ने बताया कि स्वास्थ सेवाओं में अभी पिछड़ा हुआ है। हम लोग दूर दराज अंचल के ग्रामीण है जो बमुश्किल ही सफर कर पाते है। मेरा भी ऑपरेशन एक पखवाड़े पूर्व इसी शासकीय अस्पताल में ही हुआ है। मगर जब डॉक्टर को चेकअप कराने आये तो पता चला की डॉक्टर साहब रामपायली व खैरलांजी में अपनी सेवा देने गये है जबकि उनकी डुयूॅटी आज वारासिवनी में थी। अब हमे पुन: आना पड़ेगा। महंगाई के इस दौर में आना जाना करना काफी महंगा पड़ता है।
डॉ.की अनुपस्थिति की जॉच करवाई जायेगी -प्रभारी बीएमओ
प्रभारी बीएमओ ढॉक्टर बृजेन्द्र चौधरी ने पद्मेश को बताया कि शासकीय सिविल अस्पताल में नेत्र जॉच के लिये पूर्व से व्यवस्था थी। जिसमे जॉचकर्ता का एक्सीडेंट होने से वह मेडिकल छुट्टी पर है ऐसे में रामपायली स्वास्थ केन्द्र से व्यवस्था बनवाई गई थी। जिनके द्वारा सप्ताह में ३ दिन नेत्र जॉच की जानी थी वो आज २९ मार्च को क्यों नहीं आया इसका पता लगाया जा रहा है।