झारखंड साहिबगंज में एसडीएम ज्योति मौर्य जैसा मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखाकर नर्स बनाया, लेकिन वह अब उसके साथ नहीं रहना चाहती है। पीड़ित व्यक्ति की पहचान कन्हाई लाल पंडित के रूप में हुई है। साल 2009 में उसकी शादी कल्पना कुमारी से हुई। दोनों का एक 10 साल का बेटा भी है।
मजूदरी कर उठाया पत्नी की पढ़ाई का खर्चा
कन्हाई लाल पंडित ने बताया कि कल्पना पढ़ना चाहती थी, लेकिन इतने पैसे नहीं थे कि पढ़ा सके। पत्नी के जिद के आगे झुकना पड़ा। मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते हुए पत्नी को पढ़ाया। पत्नी की शिक्षा के खातिर कन्हाई ने बोरिया में मकान बनाया। वहीं, शिबू सोरेन जनजातीय विद्यालय में पत्नी को एडमिशन दिलवाया। इसके बाद टाटा जमशेदपुर में नर्सिंग कॉलेस में वैकेंसी निकली, तो कल्पना ने एएनएम की पढ़ाई करने की इच्छा जताई।
झुमावती नर्सिंग होम में मिली नौकरी
कन्हाई लाल ने नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में दो लाख फीस का भुगतान किया। कल्पना ने यहां पढ़ाई कर डिग्री ली। पत्नी की पढ़ाई और रहने का खर्चे में कन्हाई पर कर्ज चढ़ गया। इधर ट्रेनिंग पूरी होते ही कल्पना ने झुमावती नर्सिंग होम में बतौर नर्स ज्वॉइन कर लिया।
14 अप्रैल को कल्पना अपने मायके जाने का कहकर बेटे संग घर से निकली। फिर वापस नहीं आई। देर रात तक पत्नी के घर न लौटने पर कन्हाई ने उसको फोन किया, जो बंद आया। फिर उसने अपने साले को कॉल किया, तो उसने बताया कि बहन दोपहर को ही ससुराल के लिए निकल गई है। काफी खोजबीन करने के बाद कल्पना का पता नहीं चला। ऐसे में पति ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।