विद्वान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपी मनोज पिता गेंदुलाल परते 28 वर्ष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई । यह सनसनीखेज घटना चांगोटोला थाना क्षेत्र मैं आने वाले ग्राम बसेगांव के कुरनूटोला की है जहां पर इस आरोपी ने दहेज में 50 हजार रुपए की मांग पूरी नहीं करने पर अपनी गर्भवती पत्नि भुमेश्वरी परते 24 वर्ष की निर्दयता पूर्वक हत्या कर दी थी। विद्वान अदालत ने इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 25 हजार रुपयेअर्थ दंड से भी दंडित किए हैं।
अभियोजन के अनुसार भुमेश्वरी का मायका ग्राम खरपड़िया का है। सन 2018 में भुमेश्वरी का विवाह मनोज परते ग्राम बसेगांव कुरलू टोला निवासी के साथ हिंदू रीति रिवाज से हुआ था। विवाह के बाद भुमेश्वरी अपने पति मनोज परते के साथ कुछ दिनों तक अपने ससुराल में रही उसके बाद मनोज परते अपनी पत्नी भूमेश्वरी को दहेज में कुछ नहीं लाई कहकर मारपीट करने लगा था। जिसकी शिकायत 2019 में भुमेश्वरी ने चांगोटोला पुलिस थाना में की थी। यह मामला बालाघाट के न्यायालय में चल रहा था। रिपोर्ट करने के बाद मनोज परते अपनी पत्नी भुमेश्वरी को और मारपीट करने लगा था। जिससे परेशान होकर के भुमेंश्वरी अपने मायका खरपड़िया आ गई थी और अपने माता-पिता के पास ही रह रही थी। 25 अगस्त 2019 को सामाजिक बैठक हुई थी और दोनों के बीच समझौता हुआ था और मनोज परते ने कहा था कि वह आज के बाद भुमेंश्वरी को मारपीट नहीं करेगा। उसके बाद मनोज परते ने अपनी भुमेंश्वरी को बसेगाँव ला लिया था। बसेगांव लाने के बाद वह भुमेश्वरी को दहेज में 50 हजार रुपये की मांग को लेकर मारपीट करने लगा था। 19 मई 2021 को भुमेश्वरी की मौत हो गई। इसके एक दिन पहले भुमेश्वरी ने अपनी मां को फोन करके बताई थी कि उसे 50 हजार रुपये की मांग को लेकर मारपीट करता है। खबर मिलते ही भुमैंश्वरी के परिवार के लोग कार में उसके ससुराल बसेगांव आए देखे भुमेश्वरी बिस्तर पर चित हालत में पड़ी हुई थी जिसकी स्वांस नहीं चल रही थी। चांगोटोला थाने में रिपोर्ट किया और भुमेश्वरी के शरीर को देखे शरीर पर चोट के निशान पाए गए। ठोस बोथली वस्तु के चोट के निशान थे। चांगोटोला पुलिस ने मौके की कार्रवाई की और नायब तहसीलदार द्वारा पंचनामा कार्यवाही की गई भुमेश्वरी के परिजनों की सहमती से उसकी लाश का पोस्टमार्टम करवाया था। मर्ग जांच उपरांत भुमेश्वरी की हत्या करने के आरोप में उसके पति मनोज परते के विरुद्ध धारा 302 ,304बी, 201 498ए भादवि के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में मनोज परते को गिरफ्तार किया गया था और विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह सनसनीखेज मामला विद्वान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी मनोज परते के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में पूर्णरूप से सफल रहा।
यह अपराध अत्यंत संवेदनशील एवं गंभीर प्रकृति का अपराध है- विद्वान अदालत
सजा के प्रश्न पर विद्वान अदालत ने कहा कि मृतिका जो की एक 24 वर्षीय महिला थी एवं घटना के समय वह लगभग 9 माह की गर्भवती थी। जिसको दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया बल्कि उसके साथ इस प्रकार की शारीरिक मारपीट कारित करते हुए उसकी हत्या कर दी गई। प्रकरण की परिस्थितियों को देखकर आरोपी द्वारा किया गया अपराध अत्यंत संवेदनशील एवं गंभीर प्रकृति का अपराध हो जाता है ।वर्तमान परिवेश में ऐसे अपराधों के कारण ही महिलाएं दहेज जैसी कुरीति के कारण न केवल प्रताड़ित होती है ,बल्कि अपनी जान को भी गवा देते हैं ।उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हैं हुए अभियुक्त किसी भी प्रकार की सहानुभूति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
और विद्वान अदालत ने सुनाई सजा
विद्वान अदालत में मामले की समस्त परिस्थितियों और प्रकृति को देखते हुए आरोपी मनोज परते को धारा 304 भी भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास, धारा 302 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 5 हजार रुपये अर्थदंड,, धारा 498 ए भादवि के तहत अपराध में 3 वर्ष की सश्रम करावास और 5 हजार रुपये अर्थदंड,धारा 201 भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष की सश्रम कारावास और 5हजार रुपये अर्थदंड, धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत अपराध में दो वर्ष की सश्रम कारावास और 10हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये। इस सनसनीखेज और चिन्हित मामले की पैरवी अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया और सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।