लोकसभा में पिछले तीन दिन महुआ मोइत्रा v/s निर्मला सीतारमण देखने मिला। अतिरिक्त अनुदान की मांग पर 12 दिसंबर को वित्त मंत्री ने आंकड़े पेश किए। 13 दिसंबर को चर्चा के दौरान TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कुछ आंकड़े बताकर सरकार और अतिरिक्त अनुदान को झूठा बताया। 14 दिसंबर को निर्मला सीतारमण ने सरकार पर उठाए गए सभी सवालों का जवाब दिया।
इस पूरे घटनाक्रम में निर्मला सीतारमण का महुआ मोइत्रा पर किया गया पलटवार देखने और सुनने लायक था। वित्त मंत्री ने उन्हें सलाह दी कि पप्पू को संसद में या कहीं और न ढूंढिए, वो आपको अपने ही घर (पश्चिम बंगाल) में मिल जाएगा।
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महुआ का सवाल- अब पप्पू कौन है, पप्पू कहां है?
सीतारमण का जवाब- वे अपने ही घर में देखें, तो उन्हें पश्चिम बंगाल में ही मिल जाएगा। इसमें कोई शक नहीं है। आम आदमी के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंगाल सरकार लागू ही नहीं करती। इसलिए पप्पू को कहीं और ढूंढने की जरूरत नहीं है।
महुआ का सवाल- पागल के हाथ में माचिस किसने दी?
सीतारमण का जवाब- बात ये है कि माचिस किसके हाथ में है। मैं इस पर बहुत ज्यादा डिटेल में नहीं जाना चाहती क्योंकि वह शायद अपने सवालों को मसाला देना चाहती थीं।
किसने माचिस दिया ये मुद्दा नहीं है। ये पूछकर हम जनता को नीचा दिखाना नहीं चाहते। हमारे हाथ में माचिस जनता ने दिया है। माचिस किसके हाथ में कैसे इस्तेमाल होता है वही महत्वपूर्ण होता है। प्रश्न वो है।
जब हमारे हाथ में माचिस थी, हमने उज्जवला दिया, उजाला दिया, PM किसान दिया, हमने स्वच्छ भारत अभियान चलाया। जब आपके हाथ में आया माचिस, दंगे हुए, लूट हुई, रेप हुआ, हमारे कार्यकर्ता का घर जला दिया गया। स्टेट इलेक्शन के बाद केंद्रीय मंत्री तक सुरक्षित नहीं था। माचिस किसके हाथ में कैसे काम आया, वो हमें समझना चाहिए।
महुआ ने सरकार को बताया था झूठा
13 दिसंबर यानी मंगलवार अतिरिक्त अनुदान मांग पर बहस हुई। महुआ मोइत्रा की बारी आई तो उन्होंने शुरुआत में ही कहा… पंगा मत लेना। करीब 8 मिनट की स्पीच में उन्होंने इकोनॉमिक आंकड़े गिनाते हुए कहा कि सरकार हमें 10 महीने झूठ दिखाती है। आंकड़े बताते हैं कि असली पप्पू कौन है? एक आंकड़ा गिनाते हुए खिसियानी बिल्ली मुहावरे का भी इस्तेमाल किया। महुआ के बताए आकंड़े यहां पढ़ें…
सीतारमण ने आंकड़ों में बताया क्यों है अनुदान की जरूरत
वित्त मंत्री में संसद में बताया कि सरकार महंगाई कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। इसके लिए उन्होंने कुछ आंकड़े भी गिनाए। फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 1.09 लाख करोड़ रुपए की अनुपूरक अनुदान की मांग की जा रही है। भारत फर्टिलाइजर का बड़ा आयातक है। हमें फर्टिलाइडर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने पर भी ध्यान देना होगा। सीतारमण ने कहा- नवंबर में खुदरा महंगाई 6.77 से घटकर पिछले 11 महीने के निचले स्तर 5.8 फीसदी पर आ गई।