दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के अंतर्गत आने वाले लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र को वनविभाग के द्वारा गत दिवस से पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है। जिसके बाद से रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र में पहुंचकर जिप्सी में सवार होकर वन्यप्राणियों के दीदार कर रहे है। आपको बता दें कि शासन के निर्देशानुसार जुलाई माह से राष्ट्रीय उद्यान व अभ्यारणों की तरह ही दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के अंतर्गत आने वाले लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र को बंद कर दिया गया था जिसे चार माह बाद पुन: पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है और इस वन्यजीव अनुभव क्षेत्र के खुलते ही रोजाना जिले सहित अन्य पड़ोसी रा’यों के पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र में वन्यप्राणी बहुतायत संख्या में पाये जाते है जिनमें विशेष रूप से राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर, जंगली भैंस, तेंदुआ, भालू, सोनकुत्ता, हिरण, बारहसिंगा, सांभर, चीतल सहित अन्य वन्यजीव व पक्षियों के दीदार पर्यटकों को होते है। जिसमें सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला वन्यप्राणी बाघ है जो विगत कई दिनों से पर्यटकों को दिखाई दे रहा है जिसे देखने के लिए सुबह से ही पर्यटकों की भीड़ सोनेवानी पहुंच रही है और पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ इस क्षेत्र में आकर प्राकृ तिक सौंदर्य, टेकाड़ी जलाशय की सुंदरता का लुत्फ उठाकर खुशी से लौटते है।
वन्यप्राणियों का पंसदीदा वनपरिक्षेत्र है सोनेवानी
कान्हा नेशनल पार्क के साथ बालाघाट जिले में लौंगुर, गागुलपारा जलाशय के साथ ही सोनेवानी को अनुभव क्षेत्र बनाया गया है, यह वनपरिक्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य का एक अ’छा स्पॉट है और सोनेवानी के जंगल में वन्यजीव की बहुतायत संख्या होने के कारण पर्यटक कान्हा नेशनल पार्क का अनुभव करते है जिसके लिए दक्षिण सामान्य वनमंडल बालाघाट के लालबर्रा वन परिक्षेत्र के अमलेके द्वारा पर्यटकों के घुमने के लिये जिप्सी, रहने की सुविधा, गाईड का खासा इंतजाम किया गया है, जिससे की पर्यटक जंगल का भ्रमण करने के साथ ही वन्यप्राणियों का दीदार भी कर सके क्योंकि पेंच व कान्हा नेशनल पार्क की तरह ही सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र भी वन्यप्राणियों का सबसे पसंदीदा वनपरिक्षेत्र हैं।
राष्ट्रीय पार्क व अभ्यरणों की अपेक्षा कम खर्च में होते है वन्यप्राणियों के दीदार
दक्षिण सामान्य वन मंंडल लालबर्रा का सोनेवानी वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है क्योंकि इस अनुभव क्षेत्र में पर्यटकों को राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यरणों जैसा रोमांच एवं वन्यप्राणियों के दुर्लभ दर्शन बहुत ही कम खर्च में रहे है इसलिये यह पर्यटक स्थल बहुत ही कम समय में पर्यटकों का सबसे पंसदीदा पर्यटक स्थल बन चुका है। राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यरणों में भ्रमण करने व वन्यप्राणियों क ी अनुभूति व दीदार के लिये बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है वहीं इस वन अनुभव क्षेत्र में पर्यटकों को बहुत ही कम खर्च में राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यरणों की तरह ही प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति व वन्यप्राणियों के दीदार हो जाते है और इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे अभ्यारण बनाने का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका था लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते यह अभ्यारण नहीं बन पाया।
दूरभाष से चर्चा में वनपरिक्षेत्र अधिकारी हर्षित सक्सेना ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार सोनेवानी वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र को पर्यटकों के लिये पुन: प्रारंभ कर दिया गया है जहां पर पर्यटक नवेगांव में बनाये गये प्रवेशगेट के माध्यम से वनपरिक्षेत्र में प्रवेश कर भ्रमण कर रहे है। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये हमारे द्वारा कान्हा के गाइड प्रशिक्षकों से प्रशिक्षित गाइड रखे गये है जो पर्यटकों की जिप्सी में उनके साथ जायेंगें और वे नियमों का पालन करवाते हुये पर्यटकों को सोनेवानी वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र का भ्रमण करवायेगें इन्ही के मार्गदर्शन में पर्यटक इस परिक्षेत्र में भ्रमण कर पायेगें क्योंकि आये दिन देखने में आता है कि पर्यटक नियमों का पालन नहीं करते है और प्रतिबंधित क्षेत्र में भ्रमण के लिये चले जाते है जो उनके द्वारा खतरनाक साबित हो सकता है।