पहलगाम का गुनहगार कौन, टीआरएफ तो केवल मुखौटा…कश्मीर में क्या फिर से जड़ें जमा रहा लश्कर?

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नई दिल्लीः पहलगाम में हुए हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का शक है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस मामले में लश्कर को ही मुख्य संदिग्ध मान रही हैं। पहले लग रहा था कि TRF (The Resistance Front) ने हमला किया है, लेकिन अब पता चला है कि TRF सिर्फ एक दिखावा है। चश्मदीदों ने कुछ बातें बताई हैं, जिनके आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ संदिग्धों के स्केच बनाए हैं। इन स्केच से पता चलता है कि इस हमले में मूसा नाम का एक पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल था। मूसा लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है और पहले भी कश्मीर में कई हमलों में शामिल रहा है। उसके साथ एक लोकल आतंकवादी भी था, जिसने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी और फिर J&K में घुसपैठ की थी।

TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली

जांच में पता चला है कि हमले में 5-6 आतंकवादी शामिल थे। इनमें कुछ पाकिस्तानी थे, जो मुख्य हमलावर थे। इसके अलावा, कम से कम दो लोकल लोग भी थे। इनमें अनंतनाग का आदिल ठोकर और अवंतीपोरा का आसिफ शेख शामिल हैं। इन्होंने हमलावरों को रास्ता दिखाया और उनके रहने-खाने का इंतजाम किया। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि TRF सिर्फ एक मुखौटा है। लश्कर-ए-तैयबा ने TRF को इसलिए बनाया है ताकि वह अपने आतंकी हमलों को ‘लोकल विरोध’ बता सके और दुनिया को दिखा सके कि कश्मीर में लोग भारत सरकार से नाराज हैं।

सुरक्षा एजेंसियां अनंतनाग, श्रीनगर, कुलगाम और पुलवामा जैसे जिलों में कई लोगों से पूछताछ कर रही हैं। माना जा रहा है कि ये लोग आतंकियों के समर्थक हो सकते हैं। उनसे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हमलावरों की पहचान क्या है, वे कहां से आए थे और उन्हें लोकल लोगों ने कैसे मदद की। अधिकारी यह भी जानना चाहते हैं कि किसने हमलावरों को रहने के लिए जगह दी और उनके लिए बाकी चीजों का इंतजाम किया।

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