पीएम मोदी का समर्थन करने वाले कनाडा में सिख नेता मलिक की गोलीमारकर हत्या

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कनाडा में सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। रिपुदमन सिंह का नाम 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट में आ चुका है। बम विस्फोट की जांच करने वाले रिटायर्ड डिप्टी कमिश्नर गैरी बास ने कहा कि रिपुदमन के बहुत से दुश्मन थे। उन्होंने कहा वर्तमान में चल रही जांच के बारे में नहीं पता, लेकिन वर्षों की जांच-पड़ताल के बाद कह सकता हूं कि वह कई तरह की गतिविधियों में शामिल था, जिसके कारण उसके कई लोगों से मतभेद हुए होंगे।
मलिक की हत्या से जुड़ी एक कार भी घटनास्थल के पास में जलती हुई मिली है। 2005 में मलिक को ब्लास्ट के मामले में बरी कर दिया गया था। गुरुवार को जब मलिक अपनी कार में थे तब सुबह 9.30 बजे उन्हें हमलावरों ने गोलियों से भून दिया। बास ने कहा कि हत्या के पीछे कौन है, इसे लेकर सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा मुझे लगता है, इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। साल 2000 में मलिक के एक सात घंटे इंटरव्यू को याद करते हुआ बास कहते हैं ये तो तय था कि जैसा मलिक खुद को पब्लिक में दिखाता था वह उससे अलग था। उन्होंने कहा वह अहंकारी था। उसने अपनी पगड़ी उतार दी और उसने अपने पैर मेज पर रख दिए। वह इस दौरान खेल खेल रहा था। वह कबूल करने के बहुत करीब आ गया था, लेकिन फिर पीछे हट गया।
रिपुदमन के बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा मीडिया हमेशा मेरे पिता को एयर इंडिया बमबारी में शामिल होने का आरोपी बताती रही है। उन पर गलत आरोप लगाए गए थे और ये बात बाद में साबित भी हुई कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मलिक की हत्या के कई कारण पुलिस मान कर चल रही है। मलिक एक अमीर बिजनेसमैन थे जिन्होंने खालसा क्रेडिट यूनियन और खालसा स्कूल की स्थापना की थी। हाल ही में मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था। वैंकूवर पुलिस इसे भी हत्या का एक कारण मान रही है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान फरवरी में इसी साल मलिक ने पीएम मोदी का सिख समुदाय के लिए किए गए कामों के लिए धन्यवाद किया था। इसमें उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों को एक नरसंहार बताया था। सरे पुलिस अधिकारी गुरुग्रंथ साहिब जी की छपाई को भी मलिक की हत्या का एक कारण मान रही है। उन्होंने कुछ समय पहले पवित्र पुस्तक के पावन स्वरूप की छपाई की थी। इस कारण कनाडा की सिख संगत में उनके खिलाफ गुस्सा देखने को मिला। ये मामला अकाल तख्त साहिब तक पहुंचा, जिसके बाद रिपुदमन ने छपाई बंद कर दी और सभी प्रतियां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप दी थी। गुरुग्रंथ साहिब जी को कोई भी अपनी इच्छानुसार नहीं छाप सकता है। पूरी दुनिया में गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रिंटिंग सिर्फ दिल्ली और अमृतसर में ही होती है। पुलिस इसके अतिरिक्त भी हत्या के कारण के कई एंगल पर जांच कर रही है।

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