पुराने संसद भवन से बाबा साहब आम्बेडकर की प्रतिमा हटाने पर आक्रोश

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संविधान निर्माता बाबा साहब आम्बेडकर की पुराने संसद भवन से प्रतिमा हटाये जाने का आम्बेडकरवादी संगठनों द्वारा विरोध किया गया है।जिन्होंने बाबा साहेब की प्रतिमा हटाने जाने पर आक्रोश व्यक्ति करते हुये शुक्रवार को दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि पुराने संसद भवन में बाबा साहब की प्रतिमा को यथावत स्थापित किया जाए। ज्ञापन में बताया गया कि कि वर्ष 1967 को संसद भवन में बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित की गई थी। जहां हर वर्ष 14 अप्रैल को बड़ी संख्या में आम्बेडकर अनुयायी एकत्रित होकर आम्बेडकर जी की जयंती का जश्न मनाते है। लेकिन 3 जून 2024 को संसद से बाबा साहब की प्रतिमा हटा दी गई। जिससे बाबा साहब के अनुयायियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि संविधान की स्थापना बाबा साहब आम्बेडकर ने की है और संविधान से ही संसद चलती है। लेकिन मुनवादी विचारधाराओं के लोगों द्वारा संसद भवन से डॉ. बाबा साहब की प्रतिमा को हटा दिया गया है जिससे बाबा साहब के अनुयायियों की भावना आहत हुई है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति से मांग की है कि शीघ्र प्रतिमा पुराने संसद भवन में पूर्ववत स्थापित किया जाए नहीं तो आम्बेडकर अनुयायियों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएंगा।

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