यदि आप अपने ईपीएफ पेंशन खाते के जरिए बुढ़ापे को संवारने के सपने देख रहे हैं तो अलर्ट हो जाएं क्योंकि जल्द ही सरकार अब पेंशन फंड से संबंधित नियमों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। श्रम मंत्रालय के आला अधिकारियों ने संसदीय पैनल को बताया कि अब अगर पेंशन स्कीम को भविष्य में भी जारी रखना है तो इसके स्ट्रक्चर में काफी कुछ बदलाव करना होगा, तभी पेंशन फंड सही तरीके से काम कर पाएगा। गौरतलब है कि फिलहाल EPFO पेंशन की न्यूनतम सीमा निश्चित है और यह एक तरीक से ‘डिफाइन्ड बेनिफिट्स’ के मॉडल पर कार्य करता है। लेकिन आने वाले कुछ समय में सरकार अब इसे बदलने पर विचार कर रही है। अब इसमें योगदान के आधार पर पेंशन मॉडल तैयार किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल EPFO के 23 लाख पेंशनर्स ऐसे हैं, जिनकी महीने की पेंशन 1000 रुपए तक है। फंड कॉर्पस में इनका योगदान लाभ के मुकाबले एक चौथाई भी नहीं है। ऐसे में EPFO के लिए यह बोझ लंबे समय तक उठा पाना आर्थिक रूप से जोखिम भरा साबित हो सकता है। इस कारण से श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने अब ‘जितना योगदान करो, उतनी पेंशन पाओ’ के नियम पर चलते का मूड बना लिया है।