वारासिवनी न्यायालय की पास्को अधिनियम विशेष न्यायाधीश कविता इनवाती की अदालत में १५ सितंबर को महिला से जबरदस्ती बलात्कार कर छेड़छाड़ करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी धर्मेंद्र साखरे को १० वर्ष का सश्रम कारावास एवं १३०० रुपए के अर्थ दंड से दंडित कर सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडि़ता के द्वारा १० फ रवरी २०२१ को पुलिस थाना लालबर्रा में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी कि उसके दो बच्चे हैं । पति रायपुर में काम करते हैं वह अपने ससुर के साथ घर में रहती है धनेंद्र साखरे से उसकी पहचान मोबाइल के माध्यम से हुई थी। जो २० अक्टूबर २०२० को मुझे मिलने के लिए बस स्टैंड में बुलाया और फि र बात करते हुए कहा कि मेरी बहन आई है। उससे तुम्हें मिलाता हूं कहकर सुनसान इलाके में जंगल की तरफ लेकर गया। जहां मुंह दबाकर जबरदस्ती करते हुए बलात्कार की घटना की गई। इसके बाद कभी भी अकेला देख दुराचार उक्त व्यक्ति के द्वारा किया जाता था। जिसमें पुलिस के द्वारा मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा ३७६ १, ३२३, ३५४, ३७६ २ एन, ५०६ के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। जिसमें विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद यह प्रकरण वारासिवनी न्यायालय में विचाराधीन था। जिसमें पास्को अधिनियम की विशेष न्यायाधीश कविता इनवाती के द्वारा समस्त साक्ष्य एवं बयान के आधार पर आरोपी धर्मेंद्र पिता योगराज साकरे उम्र ३२ वर्ष ग्राम कटेगांव थाना चरेगांव जिला बालाघाट का अपराध सिद्ध होने पर उसे भादवि की धारा ३७६ २ एन के तहत १० वर्ष का सश्रम कारावास १००० रुपये का अर्थदंड , भादवि की धारा ३५४ के अंतर्गत १ वर्ष का सश्रम कारावास २०० रुपये का अर्थदंड एवं भादवि की धारा ५०६ के तहत ६ महीने का सश्रम कारावास १०० रुपये का अर्थदंड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण में पीडि़ता की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र कुमार दुबे के द्वारा की गई।