आप आए दिन मोबाइल की बैटरी फटने की खबर तो सुनते ही होंगे। एक हफ्ते पहले ही मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के छपरौड़ गांव में मोबाइल चार्ज करने के दौरान बैटरी फट जाने से युवक की मौत हो गई। वह पावर बैंक से मोबाइल चार्ज कर रहा था। हाथ में ही ब्लास्ट हुआ और जान गंवानी पड़ी। ब्लास्ट इतना तेज था कि घर की छत की सीमेंट की सीट तक टूट गई।
कंपनियां दावा करती हैं कि मोबाइल फुल चार्ज होने पर पावर ऑटो कट हो जाता है, लेकिन मोबाइल फटने के ऐसे मामले इन दावों पर सवाल खड़ा करते हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आप कैसे ऐसी दुर्घटना से बच सकते हैं।
इसके लिए हमने टेक गुरु के नाम से मशहूर टेक एक्सपर्ट अभिषेक तैलंग से बात की, उनका कहना है कि मोबाइल में ब्लास्ट होने की कुछ वजहें हैं। इनमें मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में होने वाली गड़बडी और यूजर्स की लापरवाही शामिल हैं।
पहले समझें मोबाइल कंपनियों की तरफ से क्या गड़बड़ियां होती हैं?
अमूमन कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग के समय सुरक्षा का पूरा ख्याल रखती हैं, लेकिन कभी-कभार मोबाइल का पूरा बैच ही डिफेक्टिव निकल जाता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं, जैसे डिफेक्ट होने पर कई बार कारों की सीट बेल्ट नहीं खुलतीं, लेकिन कार कंपनियां ऐसी कोई गड़बड़ी होने पर उन्हें रिकॉल कर लेती हैं। हालांकि मोबाइल कंपनियां डिफेक्टिव प्रोडक्ट को रिकॉल नहीं करती हैं। ऐसे में मोबाइल ब्लास्ट होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
मोबाइल गर्म होने लगा है तो सर्विस सेंटर जाएं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मोबाइल की बैटरी जल्दी डिस्जार्ज हो रही है और मोबाइल गर्म हो रहा हो तो तुरंत मोबाइल कंपनी के सर्विस सेंटर में जाना चाहिए। इससे मोबाइल में डिफेक्ट होगा तो पता चल जाएगा। मोबाइल रिपेयरिंग के लिए लोकल दुकानों में जाने से बचें। माना जाता है कि कंपनी के मोबाइल सर्विस सेंटर में उनके हार्डवेयर इंजीनियर्स फॉल्ट को ज्यादा अच्छे से समझ लेते हैं।
अब बात यूजर्स की तरफ से होने वाली लापरवाही की करते हैं…
डिस्प्ले को खरोच से बचाने के लिए हम टेम्पर ग्लास लगाते हैं, मोबाइल अच्छा दिखे इसलिए महंगा कवर भी लाते हैं, लेकिन बैटरी की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन नीचे दी गई बातों पर गौर करें तो हम मोबाइल को ब्लास्ट होने से बचा सकते हैं। आइए देखते हैं एक्सपर्ट क्या सलाह दे रहे हैं….
बैटरी को ओवरचार्ज न करें
पूरी रात मोबाइल चार्ज करने से बैटरी पर बुरा असर पड़ता है। कंपनियां दावा करती हैं कि उनका चार्जर ऑटो कट आउट वाला चार्जर है, लेकिन ये फीचर इमरजेंसी के लिए होता है। इसका मतलब यह नहीं कि फोन को रात भर चार्ज करते रहें।
बैटरी को 15% डिस्चार्ज होने के बाद ही चार्ज करें
बैटरी 90% चार्ज होने से पहले चार्जर न निकालें। साथ ही 15% डिस्चार्ज होने से पहले चार्ज कर लें। इससे बैटरी लम्बे समय तक चलती है। बार-बार बैटरी चार्ज करने से बैटरी की साइकल प्रभावित होती है। जितनी बार बैटरी चार्ज करेंगे, उसकी खराब होने के चांस उतने ही बढ़ जाते हैं।
फोन को गलत जगह रख कर चार्ज न करें
फोन को उस जगह रख कर चार्ज न करें, जहां जल्दी आग पकड़ ले। मोबाइल चार्ज करने के लिए सही जगह को चुन ले। पिछले कई सालों की मोबाइल ब्लास्ट की घटनाओं में पाया गया है कि लोग फोन को गद्दे में रख देते हैं। जिससे मोबाइल गर्म होने के बाद तुरंत आग पकड़ लेता है। जो मोबाइल के ब्लास्ट होने की वजह बनता है। मोबाइल, लैपटॉप पर भी रखकर चार्ज नहीं करना चाहिए।
फोन को भीगने के बाद चार्ज न करें
कंपनी का दावा होता है कि उनके मोबाइल IP रेटेड वाटरप्रूफ होते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप बारिश से आते ही मोबाइल को चार्ज में लगा दें। बेसिक हाईजीन का शरीर की तरह मोबाइल में भी ध्यान रखें तो ब्लास्ट नहीं होगा।
यूजर्स इन बातों का भी रखें ध्यान…
गेमर को पावरफुल बैटरी वाला मोबाइल लेना चाहिए
मोबाइल को खरीदते समय ध्यान रखें कि आप मोबाइल का कितना उपयोग करते हैं। किस फील्ड पर आपको अपना मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करना हैं। यदि आप फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और गेमिंग लवर हैं तो इसके लिए आपको दमदार बैटरी की जरूरत होगी। ताकि मोबाइल जल्दी डिस्चार्ज न हो।
कूलिंग सिस्टम का ध्यान रखें
अमूमन हर मोबाइल में कूलिंग सिस्टम होता है। इसका इस्तेमाल करके आप फोन को गर्म होने से बचा सकते हैं। फोन में लिक्विड स्ट्रीप्स बैटरी से लगी होती है। इसमें भरा जेल फोन को ठंडा करने में मदद करता है। जैसे विवो मोबाइल में i मैनेजर ऐप होता है। जिसमें फोन को कूलिंग करने का ऑप्शन होता है। जब आप फोन यूज कर रहे होते हैं तो फोन की GPU, CPU बैटरी और रैम इस्तेमाल होती है। गेम खेलते या वीडियोग्राफी करते समय ये स्क्रीन, बैटरी प्रोसेसर एक साथ काम कर रहा होता है। इससे मोबाइल गर्म हो जाता है। ऐसे में कूलिंग सिस्टम से मोबाइल के टेम्परेचर को मैनेज कर सकते हैं।
मोबाइल रिव्यू पढ़ें
यह जरूरी नहीं कि बैटरी ज्यादा पावर वाली है तो ज्यादा ही चलेगी। कई बार कंपनियां बैटरी की पावर ज्यादा बताती हैं, लेकिन वह डिस्चार्ज जल्दी हो जाती है। इसलिए रिव्यू से ये बातें पता चल सकती हैं। फास्ट चार्जिंग का भी ध्यान रखना चाहिए। कई बार बैटरी चार्ज तो जल्दी हो जाती है, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं चलती है।