बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन के त्यौहार 22 अगस्त को धार्मिक मान्यताओं के साथ मनाया जाएगा जिसको लेकर नगर के प्रमुख बाजार रंग-बिरंगी राखियों से गुलजार हो चुके हैं वहीं व्यापारियों के द्वारा इस त्यौहार को लेकर व्यापक तैयारियां की गई है लेकिन कोविड-19 के चलते इस वर्ष भी बेहतर व्यवसाय की उम्मीद व्यापारियों को नहीं है और वह काफी मायूस है। वहीं इस वर्ष रक्षाबंधन के त्यौहार पर महंगाई की मार भी स्पष्ट तौर पर नजर आने की संभावना जताई जा रही है राखियों के दामों में इस बार 15 से 20 फ़ीसदी इज़ाफा हुआ है जिसके कारण व्यापारियों के द्वारा इस वर्ष काफी कम मात्रा में राखियां बेचने के लिए लाई गई है व्यापारियों की मानें तो रक्षाबंधन त्योहार को लेकर 1 सप्ताह पूर्व ही बाजारों में रौनक नजर आने लगती थी और ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग बड़ी संख्या में राखिया खरीदने पहुंचते थे लेकिन इस वर्ष कोविड-19 के प्रभाव के चलते लोग बाजारों का रुख नहीं कर रहे है जिसके कारण व्यापारियों मैं भी रक्षाबंधन को लेकर उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
कोविड-19 के प्रभाव से 45 फीसदी घट गया राखियों का व्यापार
कोविड-19 के चलते पिछले वर्ष भी रक्षाबंधन त्यौहार व्यापारियों को रास नहीं आया वहीं इस वर्ष भी व्यापारियों को कोविड-19 का डर सता रहा है वही कोविड-19 के चलते लोग बाजारों का रुख नहीं कर रहे हैं खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर अब तक रुझान बाजारों में नजर नहीं आया है। व्यापारियों की मानें तो रक्षाबंधन पर्व की 1 सप्ताह पूर्व से ही बाजारों में बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोग खरीदी करने आते थे और त्यौहार के पहले ही 50 प्रतिशत व्यापार आसानी से हो जाता था लेकिन इस वर्ष अब तक केवल 5 फ़ीसदी व्यापार हो पाया है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि रक्षाबंधन त्यौहार में व्यापारियों को किसी तरह का लाभ मिलने की संभावना नहीं है।
रक्षाबंधन को लेकर लोगों में नहीं दिख रहा उत्साह-संजय नंदनवार
पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान राखी व्यवसाय से जुड़े संजय नंदनवार ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर इस बार लोगों में किसी तरह का उत्साह नजर नहीं आ रहा है उन्होंने बताया कि त्यौहार के 1 सप्ताह पूर्व ही बड़ी संख्या में लोग बाजार पहुंचकर खरीदारी करने लगते थे लेकिन अब तक केवल 5 प्रतिशत ही राखियों की बिक्री हो पाई है उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण त्योहारों पर काफी व्यापक असर पड़ा है और लोग अपने घरों से बाजार का रुख नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग त्यौहार के पूर्व ही राखियों की खरीदारी करने बाजार पहुंचते थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है और बाजार में पहले जैसी रोनक नहीं है और राखी के त्यौहार को लेकर काफी अधिक मात्रा में राखियां बुलाई जाती थी लेकिन इस बार काफी कम मात्रा में राखी बिक्री के लिए बुलाई गई है। और यही उम्मीद है कि जो राखियां लाई गई है वह त्यौहार तक बिक जाए।
नहीं उठ रहा व्यापार- रोशन कुमार
इस संदर्भ में पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान राखी विक्रेता रोशन कुमार ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार से ही हिंदू त्योहारों की शुरुआत होती है और व्यापारियों को इस त्यौहार से काफी उम्मीद बनी है लेकिन वर्तमान में रक्षाबंधन को लेकर किसी भी तरह का रुझान देखने को नहीं मिला है काफी कम संख्या में लोग राखी खरीद रहे हैं वही राखियों की कीमत बढ़ जाने के कारण भी लोग राखी खरीदने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि इस त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह कम नहीं हुआ है लेकिन व्यापारिक के लिहाज से इस वर्ष भी व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।